Order For One Third Reservation For Women In Bar Association Was Given On Experimental Basis Supreme Court – एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर दिया गया था बार एसोसिएशन में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का आदेश : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये एक्सपेरिमेंटल बेसिस के तौर पर दिया गया था. कोर्ट ने सोमवार सुबह इस आदेश को स्पष्ट करने की मेंशनिंग किए जाने के बाद ये बात कही.
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पीठ के निर्देश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के ट्रेजरर यानी कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एससीबीए में सीनियर एडवोकेट्स के लिए बनी सीनियर कार्यकारिणी के छह सदस्यों में से दो और सामान्य कार्यकारिणी के नौ सदस्यों में से तीन सदस्य के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे.
16 मई को होगा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव
इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा. इन चुनाव का नतीजा 18 मई यानी रविवार को आएगा. अब SCBA के पदाधिकारियों, अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष में से कोषाध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा.
कोर्ट ने कहा कि SCBA इस बाबत अपनी वेबसाइट या अन्य तरीकों से सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव मंगाए, यानी सुझाव 19 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं. इसके बाद आम वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव SCBA डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में संकलित कर कोर्ट को दे, यानी उन सुझावों के आधार पर सुधारों और बदलाव का सिलसिला अभी जारी रहेगा.