Pakistan Balochistan is situated between Iran Afghanistan and Arabian Sea know what is the total population


बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. लेकिन उसके बावजूद इस प्रांत में कभी भी शांति नहीं रहती है. यहां से हमेशा गोलीबारी की खबर आती रहती है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर बूलिचिस्तान किन तीन देशों के बीच बसा हुआ है और ये पाकिस्तान में कैसे शामिल हुआ था. जानिए आखिर बलूचिस्तान का इतिहास क्या है, जिस कारण हमेशा वहां पर खून बहता रहता है. 

बलूचिस्तान

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में बलूचिस्तान प्रांत का क्षेत्रफल सबसे ज्यादा है. यही कारण है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. लेकिन सबसे बड़ा प्रांत होने के बावजूद यहां की आबादी सबसे कम है. अब सवाल ये है कि आखिर यहां पर हमेशा खून क्यों बहता रहता है. इसको जानने के लिए सबसे पहले ये समझना पड़ेगा कि बलूचिस्तान कैसे बना है. 

कैसे बना बलूचिस्तान?

बता दें कि बलूचिस्तान चार अलग-अलग प्रिंसली स्टेट को मिलाकर बना है. जिसमें कलात, मकरान, लास बेला और खारन शामिल है. दरअसल जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था, उस वक्त भारत में कई रियासतें थीं, उसी तरह पाकिस्तान में भी कई रियासतें थीं. इनमें से अधिकांश रियासतें विलय नहीं करना चाहती थी और स्वतंत्र रहना चाहते थे. लेकिन भारत में सरदार पटेल के प्रयासों से सभी रिसायतों का विलय हुआ था. उसी तरह पाकिस्तान में भी रियासतों का विलय हुआ था. 

राज्यों का पाकिस्तान में विलय

जानकारी के मुताबिक बलूचिस्तान की तीन रियासतें यानी कि मकरान, लास बेला और खारन तुरंत ही पाकिस्तान के साथ विलय के लिए तैयार हो गई थी. लेकिन कलात रियासत के मुखिया अहमद यार खान विलय के लिए तैयार नहीं हुए थे. वो उस वक्त पाकिस्तान के मोहम्मद अली जिन्ना को अपना पिता कहते थे, लेकिन वो चाहते थे कि कलात एक अलग ही देश बने और किसी देश में विलय ना करें. लेकिन पाकिस्तान के दबाव और लंबी बातचीत के बाद 27 मार्च 1948 को अहमद यार खान ने पाकिस्तान के साथ विलय की शर्तों को मान लिया था. लेकिन अहमद यार खान के भाई प्रिंस अब्दुल करीम और प्रिंस मोहम्मद रहीम ने बगावत कर दी थी.

बता दें कि दोनों बागी भाइयों ने मिलकर करीब एक हजार लड़ाकों की सेना बनाई थी, उस सेना का नाम उन्होंने दोश्त-ए-झालावान रखा था. इन दोनों भाइयों की सेना ने पाकिस्तानी सेना पर हमले शुरू कर दिए थे. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने जवाबी हमले के बाद दोनों भाई भागकर अफगानिस्तान चले गये थे. लेकिन अफगानिस्तान ने भी उनकी मदद नहीं की थी. इसके बाद उन्हें कलात लौटना पड़ा था, यहां आने के बाद पाकिस्तानी सेना ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल में भेज दिया था. ये पहला मौका था जब बलूचिस्तान में विद्रोह हुआ था. 

पाकिस्तान से आजादी

बलूचिस्तान के लोग हमेशा से पाकिस्तान से आजादी चाहते हैं. इन आजादी की लड़ाईयों का नेतृत्व कभी नवाब नौरोज खान, तो कभी शेर मोहम्मद बिजरानी मारी ने किया है. लेकिन सफलता नहीं मिली थी. आखिरकार 1970 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति याहिया खान ने बलूचिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान का चौथा प्रांत घोषित कर दिया था. इसकी वजह बलूचिस्तचान के लोग और भी भड़क गये थे. इसके बाद जब 1973 में बलूचिस्तान की सरकार को भंग करके वहां मॉर्शल लॉ लगाया गया था, इसके बाद विद्रोह और तेजी से फैला था. 

बलूचिस्तान की आबादी 

बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है. लेकिन आबादी वहां पर कम है. 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान की आबादी 1 करोड़ 23 लाख है. जिसमें 96 फीसदी मुसलमान हैं, इसके अलावा कुल आबादी का 2.7 फीसदी ईसाई धर्म के लोग हैं और हिंदूओं की आबादी 0.5 फीसदी है. इसकी सीमाएं ईरान, अफगानिस्तान और अरब सागर से भी लगती हैं.

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