Pakistan Bangladesh Taliban: तालिबान से दुश्मनी, बांग्लादेश से दोस्ती, भंयकर अंजाम भुगतेगा पाकिस्तान, भारत से मुकाबला करने चले हैं शहबाज
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Agency:News18Hindi
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Pakistan Bangladesh: पाकिस्तान बांग्लादेश संग संबंध सुधारने और भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान के साथ तनाव और टीटीपी हमलों ने उसकी स्थिति कमजोर की है. भारत ने अफगानिस्तान में मानवीय सह…और पढ़ें
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पाकिस्तान को भारी पड़ जाएगी तालिबान से दुश्मनी. (AP)
हाइलाइट्स
- पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंध सुधारने की कोशिश में हैं
- पाकिस्तान अपने पड़ोसी अफगानिस्तान से रिश्ते खराब कर रहा है
- भारत ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता और कूटनीति से उपस्थिति बनाए रखी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान अपने पड़ोसियों से दुश्मनी करके बांग्लादेश से करीबी बढ़ा रहा है. पाकिस्तान की विदेश नीति के लिए यह मुश्किलों वाला दौर माना जा रहा है. पाकिस्तान के भारत के साथ तो पहले से ही संबंध खराब हैं, और अब उसने अफगानिस्तान और ईरान से भी दुश्मनी मोल ले ली है. बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने को पाकिस्तान ने एक महत्वपूर्ण मौके की तरह देखा. क्योंकि शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश का झुकाव भारत की ओर था. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के आने के बाद भारत से संबंधों में खटास आई है. इस वैक्यूम को भरने के लिए पाकिस्तान आगे आ गया. स्थितियां अब यहां तक आ गई हैं कि दोनों देशों की सेनाएं आपस में बातचीत कर रही हैं.
जनवरी में ही बांग्लादेश की सेना के हाई लेवल अधिकारी पाकिस्तान पहुंचे. वहीं, हाल ही में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स भी बांग्लादेश पहुंचे हैं. भारत की इस स्थिति पर नजर है. हालांकि यह स्थिति कुछ उसी तरह है जैसा अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद हुआ था. तब भी पाकिस्तान की ISI बेहद एक्टिव थी. लेकिन स्थितियां आज ऐसी हो गई हैं कि पाकिस्तान की एरफोर्स अफगानिस्तान में मासूम लोगों पर बम गिराती है. पाकिस्तान का आरोप है कि TTP आतंकी अफगानिस्तान के जरिए उसके इलाकों पर हमला करते हैं.
भारत के लिए टेंशन है पाक-बांग्लादेश दोस्ती?
बांग्लादेश चाहता है कि पाकिस्तान के साथ उसके व्यापारिक सबंध बढ़ें. दिसंबर में पाकिस्तान का दूसरा मालवाहक जहाज बांग्लादेश पहुंचा. वहीं, पिछले सप्ताह पाकिस्तान में बांग्लादेश के उच्चायुक्त इकबाल हुसैन खान ने बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच जल्द ही डायरेक्ट फ्लाइट शुरू करने का प्रस्ताव दिया. लेकिन बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान सिर्फ इस कारण दोस्ती बढ़ा रहा है, ताकि दो फ्रंट पर भारत को घेरा जा सके. पाकिस्तान-भारत सीमा के जरिए ISI ड्रग्स और आतंकियों की सप्लाई भारत में करता है. बांग्लादेश में ISI की बढ़त होना भारत को टेंशन दे सकती है. चीन को छोड़ दिया जाए तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वह किसी देश के साथ लंबे समय तक अपनी दोस्ती नहीं चला पाता. 1971 की दुश्मनी का एक इतिहास है, जिस कारण यह देखने वाली बात है कि बांग्लादेश के साथ उसकी नई-नई दोस्ती कितनी टिक पाएगी.
तालिबान से दुश्मनी न पड़ जाए भारी
भारत को टेंशन देने के लिए पाकिस्तान भले ही बांग्लादेश में एक्टिव हो गया है, लेकिन उसके लिए असली खतरा अफगानिस्तान से आ रहा है. अगस्त 2021 में जब काबुल पर तालिबान ने अपना कब्जा जमाया था तब तत्कालीन ISI चीफ फैज हमीद तालिबान के नेता मुल्ला बरादर से मिले थे. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने सोचा था कि अब वह तालिबान को अपने इशारों पर नचाएगा. लेकिन तीन साल बाद अब स्थिति देखें तो दोनों देशों में तनाव देखने को मिलता है. डूरंड लाइन पर आए दिन झड़प की खबरें आती रहती हैं. इसके अलावा लाखों अफगान शरणार्थियों को वापस अफगानिस्तान में भेजना भी एक बड़ा मुद्दा है. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के बाद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हमलों में तेजी आई है. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान इन्हें नहीं रोक रहा. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में कई बार टीटीपी के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक भी की हैं, जिसमें औरतें और बच्चे मारे गए हैं. यह भी एक कारण है कि तालिबान और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव बढ़ रहा है.
तालिबान ने भारत से की दोस्ती
तालिबान के आने से पहले भी भारत अफगानिस्तान को खाद्य मदद देता रहा है. इसके अलावा कई इन्फ्रास्ट्रक्चर भी भारत ने बनाए. लेकिन पाकिस्तान ने इसके बदले सिर्फ हमले किए. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबान के आने के बाद भारत पूरी तरह से अफगानिस्तान से निकल जाएगा. लेकिन एक बार फिर भारत की डिप्लोमेसी ने अपना जादू दिखा दिया. जनवरी के शुरुआत में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में तालिबान शासन के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद तालिबान ने बयान जारी कर कहा कि भारत या किसी भी देश को उससे खतरा नहीं है. इसके अलावा तालिबान ने भारत को मानवीय सहायता के लिए आभार जताया. चाबहार के ईरानी बंदरगाह को लेकर भी दोनों देशों की चर्चा हुई. यह दिखाता है कि भारत को अफगानिस्तान से दूर रखने की पाकिस्तान की सभी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं. देखने वाली बात होगी कि क्या बांग्लादेश में भी पाकिस्तान की चाल नाकाम होगी?
New Delhi,New Delhi,Delhi
January 28, 2025, 10:59 IST
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