Paris Olympics: रेसलिंग से आई भारत के लिए खुशखबरी, अमन सहरावत ने जीता ब्रॉन्ज मेडल


Paris Olympics- India TV Hindi

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अमन सहरावत

भारतीय रेसलर अमन सहरावत भारत के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आए हैं। अमन ने 57 किलो वेट कैटेगिरी में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। अमन ने प्यूर्टो रिको के रेसलर डारियान टोई क्रूज को 13-5 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता। बता दें, अमन एशियन चैंपियन रह चुके हैं और अंडर-23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीत चुके हैं। अमन के इस मेडल के साथ ही पेरिस ओंलपिक में भारत के मेडल की संख्या 6 हो गई है। इसमें 5 ब्रॉन्ज और 1 सिल्वर मेडल शामिल है। पेरिस ओलंपिक में कुश्ती से आया ये भारत का ये पहला मेडल है। रेसलिंग में भारत को एक अदद मेडल की तलाश थी जिसे अमन ने पूरा कर दिया है। इससे पहले विनेश फोगाट से सभी को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी लेकिन उन्हें ज्यादा वजन होने के कारण गोल्ड मेडल मैच से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया। ऐसे में अमन का ये मेडल भारत के लिए कुश्ती में राहत भरी खबर लेकर आया है। 

भारतीय रेसलर का जलवा बरकरार

अमन को सेमीफाइनल में जापान के रेइ हिगुची से 0-10 के अंतर से करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल मैच में शुरू ही से दबाव बनाया और डारियान टोई क्रूज को ज्यादा मौके नहीं दिए। आखिर में अमन ने कमाल का खेल दिखाया और बढ़त के अंतर को 13-5 के स्कोर में बदल दिया। इस तरह अमन सहरावत के मेडल ने ओलंपिक्स में भारत की कुश्ती का जलवा बरकरार रखा है। बता दें, 2008 से अब तक लगातार 5 ओलंपिक्स में भारत ने कुश्ती में मेडल जीते हैं। हॉकी के बाद भारत के सबसे ज्यादा 8 ओलंपिक मेडल रेसलिंग से आए हैं। ओलंपिक के इतिहास में पहली बार 1952 में केडी जाधव ने भारत के लिए रेसलिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद 56 सालों तक भारत को कुश्ती में मेडल नहीं मिला और फिर 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इस सूखे को समाप्त किया। तब से ही भारतीय रेसलर लगातार ओलंपिक में मेडल जीतते आ रहे हैं। 

PM ने दी बधाई

कुश्ती में पहला मेडल आने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेसलर अमन को जीत की बधाई दी है। पीएम ने लिखा, “हमारे पहलवानों ने हमें और भी ज्यादा गौरवान्वित किया है! पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की फ़्रीस्टाइल 57 किलोग्राम में कांस्य पदक जीतने के लिए अमन सेहरावत को बधाई। उनकी लगन और दृढ़ता साफ़ तौर पर दिखाई देती है। पूरा देश इस उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न मना रहा है।”





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