Photos: Process Of Making Ganesh Idol Starts 5 Months In Advance, Know The Story Behind The Idol – फोटो: 5 महीने पहले शुरू हो जाता है गणेश की मूर्ति बनाने का प्रोसेस, जानिए पर्दे के पीछे की कहानी
New Delhi:
राखी के साथ ही फेस्टिव वाइब आनी शुरू हो जाती हैं. रक्षाबंधन के बाद दूसरा त्योहार जिसे पूरे देश में पूरे जोश और जुनून के साथ मनाया जाता है वह है गणेश चतुर्थी. इस दौरान देशभर में बेहद खूबसूरत गणेश जी की मूर्तियां बनाई जाती हैं, जिसे लोग अपने घरों में स्थापित करने के लिए लेकर जाते हैं, ऐसे में ये त्योहार राजस्थान से आए कारीगरों को भी मूर्तियां बनाने का अवसर देता है.
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ये कारीगर पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर और जसोला के अलावा मदनपुर कादर और तुगलकाबाद में सड़क के किनारे साल भर आजीविका कमाने के लिए छोटे-मोटे काम करते हैं.
इन मूर्तियों की कीमत 500 रुपए से लेकर 1,000 रुपए के बीच होती है. वहीं बड़े वाले गणेश जी 5,000 से 20,000 रुपए के बीच में आपको मिल जाएंगे.
ये मूर्तियां इको-फ्रेंडली होती हैं, जिन्हें मिट्टी और क्ले से बनाया जाता है. इनमें से कुछ को तो केवल गोल्डन कलर से डेकोरेट किया जाता है.
मूर्तियां बनाने का प्रोसेस गणेश चतुर्थी आने से कम से कम पांच महीने पहले शुरू हो जाता है. चूंकि अधिकांश मूर्तियां इको-फ्रेंडली हैं, इसलिए उन्हें मानसून की बारिश से बचाना होगा और सूखने के लिए धूप में रखना जरूरी होता है.