Phulpur Byelection: सपा-कांग्रेस में खींच गई तलवार! सुरेश यादव फिर भरेंगे नामांकन, फूलपुर बना युद्ध का मैदान


हाइलाइट्स

फूलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव फिर से नामांकन करेंगे.कांग्रेस ने ऐलान किया था कि वह यूपी के उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी.

फूलपुरः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. क्योंकि जिस सीट पर इंडिया गठबंधन के तहत पहले कांग्रेस दावा ठोक रही थी, उसपर समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया. इसके बाद अब कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष ने नामांकन करने की तैयारी कर दी है. कांग्रेस के गंगापार जिलाध्यक्ष सुरेश यादव आज फिर से नामांकन करेंगे. पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर सुरेश यादव फिर से नामांकन करेंगे. हालांकि सुरेश यादव गुरुवार को एक सेट में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर चुके हैं. ऐसे में पार्टी की आपसी खींचतान का खामियाजा इंडिया गठबंधन को भुगतना पड़ सकता है.

सुरेश यादव के नामांकन से सपा को खतरा?
सपा और कांग्रेस के बीच हुए समझौते के बावजूद कांग्रेस जिलाध्यक्ष के नामांकन से फूलपुर विधानसभा पर सियासत गर्मायी हुई है. कांग्रेस पार्टी के चुनाव न लड़ने के ऐलान के बावजूद नामांकन से गठबंधन पर भी खतरा नजर आ रहा है. सुरेश यादव राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबियों में माने जाते हैं. फूलपुर सीट पर सपा के घोषित उम्मीदवार पूर्व विधायक मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी बुधवार को ही नामांकन कर चुके हैं. अब सवाल यह है कि क्या अखिलेश यादव फूलपुर सीट से अपने प्रत्याशी का पर्चा वापस करायेंगे या फिर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव को इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार घोषित करेंगे या फिर फूलपुर की सीट पर सपा और कांग्रेस के उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोकेंगे.

सुरेश यादव ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
सुरेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी करते हुए लिखा है, ‘फूलपुर की माटी का लाल, करेगा कमाल.’ इस पोस्टर पर सुरेश यादव के साथ सिर्फ प्रियंका और राहुल गांधी की ही तस्वीरें लगी हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ ही स्थानीय सांसद उज्जवल रमण सिंह और प्रमोद तिवारी व विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना के नाम और तस्वीरों को इस पोस्टर में जगह नहीं दी गई है.

क्या सुरेश यादव को कांग्रेस का सपोर्ट?
सवाल यह उठ रहा है कि सुरेश यादव खुद अपनी मर्जी से नामांकन कर रहे हैं या फिर पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के इशारे पर यह कदम उठा रहे हैं. वैसे इस मामले में कांग्रेस नेताओं की चुप्पी किसी और ओर इशारा कर रही है. ऐसे में कांग्रेस की आपसी खींचतान का खामियाजा इंडिया गठबंधन को भुगतना पड़ सकता है.

Tags: Assembly by election, UP news



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