Pitrupaksha 2024,  Are the ancestors of three generations really angry? What events at night indicate this? Know everything from the astrologer


मोहित शर्मा/ राजस्थान:- पितृपक्ष का पावन पर्व आने को अब बस कुछ ही दिन रह गए हैं. ऐसे में होने वाले दोषों के निवारण के लिए हर परिवार अपनी तैयारी में योजना बद्ध है. खास बात यह है कि पितृपक्ष से पहले घर में अजीब घटनाएं होने लगती हैं, जिससे आभास होने लगता है कि हमारे पितृ नाराज हैं. जैसे- अचानक से दरवाजों का बंद होना, घर में रहस्यमय आवाजें आना या फिर बिन बुलाए मेहमानों की तरह अजीब अनुभव होना, तो हो सकता है कि आपका घर पितृदोष से प्रभावित हो. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. धीरज शर्मा के अनुसार, ये संकेत पितृदोष का प्रतीक हो सकते हैं, जो तीन पीढ़ियों के पितरों की नाराजगी को दर्शाता है.

क्या है तीन पीढ़ियों का पितृदोष
पितृदोष, हिन्दू धर्म में एक ऐसा कष्टकारी दोष माना जाता है, जो पूर्वजों की आत्माओं की असंतुष्टि और नाराजगी के कारण होता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की तीन पीढ़ियों के पितर (दादा, परदादा, और उनके पूर्वज) संतुष्ट नहीं होते, तो उनका प्रभाव उनके वंशजों पर पड़ता है, जिसे पितृदोष कहा जाता है.

पितृदोष के संकेत
पितृदोष से प्रभावित घरों में रात के समय अनोखी घटनाएं, जैसे- अचानक दरवाजों का खुलना-बंद होना, अजीब आवाजें सुनाई देना, या घर में बिना वजह भय का माहौल बनना, देखने को मिल सकता है. इतना ही नहीं, अगर घर में बार-बार क्लेश, झगड़े या बिना कारण मानसिक तनाव हो रहा है, तो यह भी पितृदोष का संकेत हो सकता है. घर के सदस्यों के बीच अनियंत्रित स्वास्थ्य समस्याएं या बार-बार बीमार होना भी पितृदोष की ओर इशारा कर सकता है. लगातार आर्थिक संकट, व्यापार में हानि या नौकरी में अस्थिरता भी पितृदोष का परिणाम हो सकता है.

तीन पीढ़ियों के पितरों की नाराजगी का रहस्य
ज्योतिषाचार्य पं. धीरज शर्मा Local 18 को आगे बताते हैं कि पितृदोष तब उत्पन्न होता है, जब परिवार में किसी ने पितरों के प्रति अपने कर्तव्यों का सही पालन नहीं किया होता है. यह कर्तव्य तर्पण, श्राद्ध, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से पितरों को संतुष्ट करना है. अगर ये अनुष्ठान ठीक से नहीं किए जाते, तो पितर नाराज हो सकते हैं, जिससे पितृदोष उत्पन्न होता है.

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पितृदोष का निवारण कैसे करें
पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करना, जिसमें पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान और भोजन का आयोजन करना शामिल है, सबसे महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है. ब्राह्मणों को भोजन कराना, जरूरतमंदों की सहायता करना और गोदान करना भी पितरों की शांति के लिए लाभकारी होता है. पितृदोष निवारण के लिए ज्योतिषाचार्य की सलाह से विशेष पूजा और हवन किया जा सकता है, जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिले और दोष का निवारण हो सके.

Tags: Local18, Pitru Paksha, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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