PM के खिलाफ साजिश देशद्रोह के बराबर… दिल्‍ली हाईकोर्ट ने किस मामले में की यह कठोर टिप्‍पणी, इस काम पर लगाई रोक


नई दिल्‍ली. हाई कोर्ट ने मानहानि के एक मामले में सुनवाई के दौरान मोखिक टिप्‍पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री (PM) के खिलाफ साज़िश रचने के आरोप बेहद गंभीर है, ये अपराध देशद्रोह के बराबर हैं. अगर कोई किसी के खिलाफ इस तरह के आरोप लगा रहा है तो उसे इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी. उसके लिए उसके पास ठोस आधार होने चाहिए. दिल्‍ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी बीजेडी सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता पिनाकी मिश्रा की ओर से वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई के दौरान की.

दरअसल, जय अनंत देहाद्राई ने अपने बचाव में पिनाकी मिश्रा पर पीएम मोदी के खिलाफ साज़िश रचने के आरोप लगाए थे. इस पर जस्टिस जसमीत सिंह ने जय अनंत के वकील से कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश देशद्रोह के बराबर है और जब तक देहाद्राई पिनाकी मिश्रा के खिलाफ इस आरोप को साबित नहीं करते, तब तक कोर्ट जय अनंत को इस तरह के बयान देने से रोकने के लिए आदेश जारी करेगा.

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देहाद्राई के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह  प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश में शामिल होने के आरोपों के संबंध में मिश्रा के खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे. पिनाकी मिश्रा का कहना है कि जय अनंत ने उन्हें सोशल मीडिया पर  कैनिंग लेन, ओडिया बाबू और पुरी का दलाल कहा है. उन के खिलाफ भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए है. पिनाकी मिश्रा ने देहाद्राय से माफी मांगने और हर्जाने की मांग के अलावा, अपमानजनक आरोप लगाने से रोकने और ट्विटर पर मौजूदा अपमानजनक कंटेंट को हटाने के लिए कोर्ट से निर्देश देने की मांग की है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद दूसरे पक्ष को समन जारी किया है. अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.

Tags: Defamation, DELHI HIGH COURT, Prime Minister of India



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