PM मोदी ने मैक्रों को भेंट की डोकरा कलाकृति, क्या है इसका छत्तीसगढ़ कनेक्शन?
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पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को डोकरा कलाकृति भेंट की, मार्सेलि में नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया और भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
हाइलाइट्स
- पीएम मोदी ने मैक्रों को डोकरा कलाकृति भेंट की.
- पीएम मोदी ने मार्सेलि में नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया.
- पीएम मोदी ने भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी.
पेरिस. पीएम नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को स्पेशल उपहार भेंट किया है. पीएम मोदी ने मैक्रों को जड़ित पत्थर के काम के साथ डोकरा कलाकृति के संगीतकारों की मूर्ति भेंट की. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बुधवार को संयुक्त रूप से मार्सेलि शहर में भारत के नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया. दोनों नेताओं ने बटन दबाकर संयुक्त रूप से मार्सेलि शहर में नए वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया. इस मौके पर मौजूद भीड़ ने पूरे उत्साह के साथ खुशी जताई. इनमें से कई लोग भारत और फ्रांस दोनों के राष्ट्रीय ध्वज लेकर आए थे.
वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन से पहले, मोदी और मैक्रों ने ऐतिहासिक माजारग्वेज कब्रिस्तान का दौरा किया और पहले विश्व युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. बाद में, दोनों नेताओं ने भीड़ में मौजूद कुछ लोगों से बातचीत भी की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को फ्रांस की अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद अमेरिका के लिए रवाना हो गए जहां वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता की. मैक्रों के साथ उन्होंने द्विपक्षीय चर्चा भी की. अमेरिका में, प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. जनवरी में ट्रंप के अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद मोदी ट्रंप से मिलने वाले चौथे विदेशी नेता होंगे.
क्या है डोकरा कला
छत्तीसगढ़ की एक प्रतिष्ठित धातु-ढलाई परंपरा डोकरा कला, प्राचीन मोम तकनीक का उपयोग करके जटिल शिल्प कौशल को सामने लाती है. क्षेत्र की समृद्ध आदिवासी विरासत में निहित, यह कलाकृति पारंपरिक संगीतकारों को गतिशील मुद्राओं में दर्शाती है, जो संगीत के सांस्कृतिक महत्व को उजागर करती है. पीतल और तांबे से बने इस टुकड़े में बारीक विवरण हैं और कंट्रास्ट के लिए लैपिस लाजुली और मूंगा से इसे बढ़ाया गया है. कठिन श्रम से ढलाई प्रक्रिया कारीगरों के गहरे कौशल और समर्पण को दर्शाती है. सजावट से कहीं अधिक, यह डोकरा कलाकृति भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो आदिवासी परंपराओं और कलात्मक उत्कृष्टता को दुनिया के सामने पेश करता है.
February 12, 2025, 22:05 IST