PM Modi Egypt Visit On June 24-25 After America India Prime Minister Modi Visit To This African Country
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India Egypt Relations: अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की पहली राजकीय यात्रा पूरी हो गई है. अब मोदी शनिवार, 24 जून को अफ्रीकी देश मिस्र (Egypt) की यात्रा करेंगे. मिस्र और भारत दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं रही हैं. मिस्र का नया नाम इजिप्ट है. पीएम मोदी वहां 2 दिन राजकीय दौरे पर रहेंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कल वह वॉशिंगटन से मिस्र लिए रवाना होंगे.
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इजिप्ट की राजधानी काहिरा में पीएम मोदी का स्वागत किया जाएगा. राजदूत अजीत गुप्ते ने बताया कि इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी पीएम मोदी के साथ मीटिंग करेंगे. राजदूत अजीत ने कहा कि भारत और इजिप्ट दोनों दुनिया की दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं और इन दोनों के आपसी संबंध चार हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं.
सदियों से दोनों देशों में रहे हैं समुद्री संपर्क
राजदूत अजीत गुप्ते ने कहा कि सदियों से हमारे समुद्री संपर्क रहे हैं और हाल के वर्षों में, खासतौर पर इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद, संबंध और भी मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि इजिप्ट में हर कोई भारतीय संस्कृति से प्रभावित है और वहां के लोगों में बॉलीवुड फिल्में देखने का चाव भी है. वहां के लोग ये भी जानते हैं कि भारत और इजिप्ट ने गुट निरपेक्ष आंदोलन के लिए मिलकर काम किया था.
महात्मा गांधी वहां भी लोकप्रिय हैं
भारतीय राजदूत के मुताबिक, भारत के राष्ट्रपिता माने जाने वाले महात्मा गांधी इजिप्ट के लोगों के दिल में भी हैं. वे लोग महात्मा गांधी और साद जगलौल के बीच घनिष्ठ मित्रता को याद करते हैं.’ राजदूत ने कहा कि इजिप्ट के लोग भारत से करीबी बनाए रखना चाहते हैं और ऐसे में पीएम मोदी की राजकीय यात्रा दोनों देशों के संबंधों में और गर्माहट लाएगी.
सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे पीएम
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी काहिरा में हेलियोपोलिस कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कब्रिस्तान भी जाएंगे, जहां प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मारे गए भारतीय सेना के लगभग 4,000 सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की इजिप्ट की यात्रा न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को गति प्रदान करना जारी रखेगी, बल्कि कारोबार और आर्थिक सम्पर्क के नए क्षेत्रों में भी सहयोग को विस्तार देगी.’
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