PM Modi Exclusive Interview: Prime Minister Modi Answered The Question Of Secularism Of Opposition – मुझ पर कम्युनल का लेबल लगे तो लगे, ढोंगी सेक्युलरिज्म वालों के पापों को मैं खोलकर रखूंगाः PM मोदी


“इन लोगों के पापों को मैं उजाकर करके रहूंगा”

PM नरेंद्र मोदी ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, “अब मुझे लगता है कि कम्‍युनल का लेबल लगे तो लगे, मुझे कम्‍युनल जिसको कहना है कहे, इन लोगों के पापों को मैं उजाकर करके रहूंगा. एक्‍सपोज करके रहूंगा. मैं घटनाओं के साथ बताता हूं कि इन्‍होंने ये नियम ऐसे बनाया था. मेरा मंत्र है- ‘सबका साथ, सबका विकास’, गांव के अंदर सौ घर हैं, जिनको बेनिफिट दिला दिया, फिर ये मत पूछा कि ये किस जाति का है, किस बिरादरी का है, किसका रिश्‍तेदार है… 100 घर मतलब मिलना चाहिए, तो मिलना चाहिए.

PM मोदी ने कहा, “स्‍कीम को लाभार्थियों को 100 परसेंट. जब मैं 100 पसेंट देता हूं ना तो सामाजिक न्‍याय है, जब मैं 100 परसेंट कहता हूं, तो वो सच्‍चा सेक्युलरिज्म है और किसी को फिर शिकायत का मौका नहीं रहता है. फिर उसको विश्‍वास रहता है कि इसको जून में मिल गया ना, दिसंबर आते-आते मुझे भी मिल जाएगा. मुझे किसी को भी एक रुपये देने की जरूरत नहीं है. इसके कारण गवर्नेंस पर भी भरोसा हो जाता है. वहीं, विपक्ष का तरीका यह है कि किसी के लिए कुछ करना ही नहीं है. मैं भी कह सकता था कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देता हूं, ये इसको दूंगा और उसको नहीं दूंगा. लेकिन मैं यह नहीं करूंगा, क्‍योंकि मुझे ‘सबका साथ, सबको विकास’ इसी मंत्र पर चलना है.”

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“ये घोर सांप्रदायिक लोग हैं”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के लिए एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर भी डाका डाला हुआ है. इनकी नजर इसी पर ही है ये वोटबैंक को कैसे देना है. वोट जिहाद को समर्थन कर रहे हैं. ये सारी चीजें सांप्रदायिक प्रवृत्तियां सेक्युलरिज्म का नकाब पहन कर रहे हैं. मुझे उनका ये ढोंगी सेक्‍युलरिज्‍म का नकाब देश के सामने उतारकर दिखाना है कि ये घोर सांप्रदायिक लोग हैं. और ये वो लोग हैं, जो अपनी सत्‍ता सुख के लिए देश को तोड़ सकते हैं और आपके हर सपने को तोड़ सकते हैं.

विपक्ष के मेनिफेस्‍टो पर क्या बोले PM मोदी? 

NDTV से PM मोदी ने कहा कि अब आप इनके मेनिफेस्‍टो में इनकी हिम्‍मत देखिए, ठेके… कॉन्‍ट्रैक्‍ट, ये कहते हैं कि घर्म के आधार पर दिये जाएंगे. अरे, अगर कोई ब्रिज बनाना है, तो इसकी एक्सपर्टाइज किसके पास है, एक्‍सपीरियंस किसके पास है, रिसोर्स किसके पास हैं, टेक्‍नीकल मैनपावर किसके पास है, ये देखना चाहिए. अब आप धर्म के आधार पर ठेके देंगे, तो वो ब्रिज क्‍या बनेगा… क्‍या होगा मेरे देश का?

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