PM Modi In US National Science Foundation In Alexandria Jill Biden – भारत-US को टैलेंट की पाइपलाइन की जरूरत : वर्जीनिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन में बोले PM मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया में नेशनल साइंस फाउंडेशन का दौरा किया. अमेरिका की प्रथम महिला के साथ पीएम मोदी ने अमेरिका और भारत के छात्रों से मुलाकात की. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि स्कील इंडिया मिशन के तहत हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, ड्रोन और अन्य के क्षेत्र में अब तक 50 मीलियन लोगों को स्कील किया है.अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी आपका स्वागत है. इस आधिकारिक दौरे से हम दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र को साथ ला रहे हैं.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बेहद खुशी है कि मुझे यहां आते ही इतने युवा और क्रिएटिव लोगों से जुड़ने का मौका मिला है. जिल बाइडन ने इतना व्यस्त होने के बावजूद इस कार्यक्रम का आयोजन किया, मैं इसके लिए आभारी हूं. हमारी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना हम सभी का दायित्व है, इस उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा, स्कीम, इनोवेशन आवश्यक है और भारत में हमने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं.
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हमने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा और स्कीलिंग को बढ़ावा दिया है. हमने स्कूलों में 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना की है जहां बच्चों को कई तरह के इनोवेशन करने के लिए हर सुविधाएं दी जा रही हैं
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हमारा लक्ष्य इस तकनीकी दशक – Techade बनाने का है. आज भारत-अमेरिका को ग्रोथ की गति बनाए रखने के लिए एक पाइपलाइन ऑफ टैलेंट की भी ज़रूरत है. जहां एक ओर अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान और तकनीक हैं तो वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है. इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी सस्टेनेबल और इंक्लूसिव ग्लोबल ग्रोथ का इंजन साबित होगी
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भारत और अमेरिका के बीच शिक्षा और रिसर्च में आपसी सहयोग के लिए मैं कुछ विचार साझा करना चाहता हूं. इस साझा प्रयास में जरूरी है कि सरकार, उद्योग, एकेडेमिया, शिक्षक और छात्र सभी को शामिल किया जाए. इंडिया-अमेरिका टीचर एक्सचेंज प्रोग्राम के बारे में भी हम सोच सकते हैं:
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दुनिया भर में फैले वैज्ञानिकों और उद्यमियों का भारत के संस्थानों के साथ संबंध बढ़ाने के लिए हमने 2015 में GIAN(ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स) अभियान शुरू किया था. मुझे बताते हुए खुशी है कि अब तक इसके तहत यूएस से 750 फैकल्टी मेंबर भारत आ चुके हैं. मैं यूएस में शिक्षा और रिसर्च से जुड़े सर्विंग और रिटायर लोगों से अनुरोध करूंगा कि वे अपनी छुट्टियां खास तौर पर विंटर ब्रेक भारत में बिताएं और भारत को जाने. इसके साथ ही भारत की नई पीढ़ी के साथ अपना ज्ञान भी बांटे.
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मुझे लगता है कि दोनों देशों(भारत-अमेरिका) को मिलकर अलग-अलग विषयों पर हैकथॉन भी करना चाहिए और इससे हमें आज की कई समस्याओं के समाधान भी मिल सकते हैं. मैं चाहूंगा कि स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका से भी बच्चे भारत आएं और भारत को देखें व जाने.
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अमेरिका की प्रथम महिला, जिल बाइडन ने कहा कि अगर हम चाहते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो तो हमें उन युवाओं में निवेश करने की ज़रूरत है जो हमारा भविष्य हैं. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके पास वे अवसर हों जिनके वे हकदार हैं.
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जिल बाइडन ने कहा कि शिक्षा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच बंधन की आधारशिला है. दोनों देशों के छात्र एक-दूसरे के साथ सीख रहे हैं और बढ़ रहे हैं. कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हुए, हमारे राष्ट्र सभी के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ, अधिक समृद्ध भविष्य बना सकते हैं.
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जिल बाइडन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी आपका स्वागत है. इस आधिकारिक दौरे से हम दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र को साथ ला रहे हैं. लेकिन हमारे रिश्ते सिर्फ सरकारों के बीच नहीं है, हम परिवारों और दोनों देशों के बीच दोस्ती का जश्न मना रहे हैं. अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी और विस्तृत है क्योंकि हम वैश्विक चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटते हैं.
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अमेरिका की प्रथम महिला ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जो आपके(प्रधानमंत्री मोदी) और मेरे दिल के करीब है. आप(PM मोदी) यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं कि सभी भारतीय विशेष रूप से लड़कियों को शिक्षा जारी रखने का अवसर मिले ताकि वो आधुनिक कार्यबल के लिए पर्याप्त शिक्षा प्राप्त कर सके