PM Modi On US Visit Does America To Ease Norms For Indians H1B Visa Rules Change
PM Modi US Visit: अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात के दौरान दोनों देशों में कई समझौते होंगे. इस मर्तबा ये दोनों नेता अमेरिकी H-1B प्रोग्राम पर भी बात करेंगे. H-1B वीजा हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, जिसके तहत भारतीयों का अमेरिका जाना और वहां रहना आसान हो जाता है. मगर, फिलहाल भारतीयों को अमेरिकी वीजा के लिए महीनों तक इंतजार करना होता है, और इसलिए बहुत-से भारतीयों की नजर मोदी-बाइडेन की बैठक में H-1B वीजा नियमों में बदलाव पर टिकी हैं.
कुछ अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान H-1B वीजा नियमों में कुछ बदलाव होगा. अमेरिका भारतीयों के लिए अपने वीजा नियमों में ढील देगा. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस मामले से परिचित 3 लोगों ने बताया है कि कुशल श्रमिकों को अमेरिका में एंट्री देने या वहां रहने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस राजकीय यात्रा के फलस्वरूप बाइडेन प्रशासन भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना आसान कर देगा.
H-1B वीजा पर भारतीयों के लिए होंगे प्रावधान
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि विदेश विभाग आज यानी कि गुरुवार को ये घोषणा कर सकता है कि H-1B वीजा पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना अमेरिका में पायलट प्रोग्राम के तहत उन वीजा को रिन्यू करा सकेंगे, जिसका आने वाले वर्षों में उपयोग किया जाएगा. रिकॉर्ड के अनुसार, भारतीय नागरिक अब तक अमेरिकी H-1B प्रोग्राम के सबसे सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 442,000 H-1B वाजाधारक श्रमिकों में से 73% भारतीय नागरिक थे.
जल्द लॉन्च किया जा सकता है पायलट प्रोग्राम
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, “हम सभी मानते हैं कि हमारे लोगों की गतिशीलता (Mobility) हमारे लिए बड़ी जरूरी है. और इसलिए हमारा लक्ष्य एक तरह से बहुमुखी तरीके से अप्रोच करना है. विदेश विभाग पहले से ही चीजों में बदलाव लाने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने के प्रयास कर रहा है.” वहीं, विदेश विभाग के प्रवक्ता ने उन सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कौन से प्रकार के वीज़ा योग्य होंगे या पायलट लॉन्च का टाइम क्या होगा. प्रवक्ता ने कहा, “अगले एक से दो वर्षों में इस पहल को बढ़ाने के इरादे से पहले कम संख्या में इसकी सेवाएं दी जाएंगी. मालूम हो कि अमेरिका के पायलट प्रोग्राम की योजना पहली बार फरवरी में ब्लूमबर्ग लॉ द्वारा रिपोर्ट की गई थी.
अमेरिका में तीन साल तक चलता है वीजा
बता दें कि हर साल, अमेरिकी सरकार कुशल विदेशी श्रमिकों की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 H-1B वीजा उपलब्ध कराती है, साथ ही उच्चतम डिग्री वाले श्रमिकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा मुहैया कराए जाते हैं. वो वीजा तीन साल तक चलता है और इसे अगले तीन साल के लिए रिन्यू किया जा सकता है. अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में सबसे अधिक H-1B कर्मचारियों का उपयोग करने वाली कंपनियों में भारत स्थित इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ-साथ अमेरिका में अमेज़ॅन, अल्फाबेट और मेटा शामिल हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका में वीजा रिन्यू करने की क्षमता विदेश में वाणिज्य दूतावासों में वीजा साक्षात्कार के लिए संसाधनों को मुक्त कर देगी. वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पायलट प्रोग्राम में एल-1 वीजा वाले कुछ कर्मचारी भी शामिल होंगे.
अमेरिका में 1 करोड़ से अधिक नौकरियां
भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रौद्योगिकी उद्योग के कर्मचारी भी शामिल हैं. विगत अप्रैल में श्रम विभाग के मुताबिक, अमेरिका में 1 करोड़ से अधिक नौकरियां निकली थीं.
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