Potato Farming : इस विधि से करें आलू की सिंचाई, बचेगा पानी…रोगों से भी होगा बचाव!


शाहजहांपुर: धान की फसल के बाद किसान आलू की फसल उगाते हैं. आलू की फसल से किसानों को कम समय में अच्छा उत्पादन मिलता है. लेकिन आलू की फसल बेहद ही संवेदनशील होती है. इस फसल को कई ऐसे रोग हैं जो बहुत जल्दी चपेट में लेते हैं. आलू की फसल में खासकर किसानों को सिंचाई का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए. अगर किसान परंपरागत तरीके से सिंचाई न करते हुए, मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करें तो किसानों को बेहतर गुणवत्ता और अच्छा उत्पादन मिलेगा.

जिला उद्यान अधिकारी पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि शाहजहांपुर जिले में आलू मुख्य फसलों में से एक है. जिले में 15000 हेक्टेयर में आलू की फसल उगाई जाती है. यहां करीब 5.5 लाख टन का आलू उत्पादन होता है. जिले में 2.5 टन आलू भंडारण की क्षमता है. किसान अगर आलू की बुवाई के समय कुछ सावधानी बरत लें तो किसानों को अच्छी गुणवत्ता का उपज मिलेगी. किसान 300 से 350 टन आलू का उत्पादन आसानी ले सकते हैं. खासकर किसान आलू की फसल की बुवाई करते समय बीज को उपचारित करें और सिंचाई का विशेष तौर पर ध्यान रखें. ऐसा करने से किसानों को चमकदार और बड़े आकार का आलू मिलेगा.

रोगों से भी होगा बचाव
पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि आलू की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए सिंचाई का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. किसान पारंपरिक तरीके से सिंचाई करने की बजाय मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करें. ऐसा करने से जल संरक्षण होगा. उसके अलावा आलू की फसल में अगेती झुलसा रोग और पछेती झुलसा रोग से भी बचाव हो जाएगा.

मिलेगा चमकदार आलू 
पुनीत कुमार पाठक ने बताया मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करने से आलू का साइज बड़ा होगा, खुदाई के समय मिट्टी नहीं चिपकेगी. आलू के पौधों की पत्तियों पर जमी हुई धूल साफ हो जाती है, जिसकी वजह से पौधों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बेहतर तरीके से होती है. अच्छी गुणवत्ता वाला आलू पैदा होगा. आलू में मिट्टी नहीं चिपकती, जिसकी वजह से बाजार में अच्छा भाव मिलेगा. खास बात यह है कि मिनी स्प्रिंकलर से सिंचाई करने से 15 से 20% तक उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. सरकार किसानों को मिनी स्प्रिंकलर लगाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है.

सरकार दे रही भारी सब्सिडी 
मिनी स्प्रिंकलर से फसलों की गुणवत्ता तो बेहतर होती ही है, इसके अलावा भारी मात्रा में जल संरक्षण भी होता है. जिन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता कम होती है, वहां भी किसान मिनी स्प्रिंकलर की मदद से आसानी से खेती कर सकते हैं. सरकार मिनी स्प्रिंकलर लगाने के लिए किसानों को 80 से 90% तक अनुदान भी दे रही है. मिनी स्प्रिंकलर आलू की फसल उगाने के लिए बेहद ही उपयोगी माना जाता है.

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