Pratap Sarangi injured Rahul Gandhi Case Do MPs get immunity if they are beaten or pushed in Parliament
Pratap Sarangi Injured: बाबा साहेब अंबेडकर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है. इस मामले ने तब और तूल पकड़ ली, जब बीजेपी सांसद प्रताप चंद्र सारंगी ने राहुल गांधी पर संसद में धक्का देने का आरोप लगाया. धक्का लगने से प्रताप सारंगी नीचे गिर गए और उन्हें सिर में चोट लग गई. इसके बाद से बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि बाबासाहेब अंबेडकर के अपमान का विरोध कर रहे मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी के साथ बीजेपी सांसदों ने धक्कामुक्की की.
अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी के आरोप पर राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है? क्या उन्हें संसद के सदस्य होने के नाते इस मामले में भी विशेषाधिकार प्राप्त है? क्या सांसदों द्वारा संसद में मारपीट और धक्का देने पर भी उन्हें इम्यूनिटी दी जाती है? आइए जानते हैं क्या कहते हैं संसद के नियम…
क्या होती है इम्यूनिटी?
भारत के संविधान में सांसदों और विधायकों के लिए कुछ विशेषाधिकार तय किए हैं. जिन्हें इम्यूनिटी कहा जाता है. ये अधिकार उन्हें बिना किसी दबाव के लोकतांत्रिक तरीके से अपना काम करने के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं. संविधान का अनुच्छेद 105 संसद और उसके सदस्यों को उनके प्रभावी कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए कुछ शक्तियां, विशेषाधिकार और प्रतिरक्षा प्रदान करता है. उन्हें कई मामलों में गिरफ्तारी से भी छूट प्रदान होती है.
- संसद के सदस्यों को सदन या उसकी समितियों में अपने विचार रखने की पूरी आजादी होती है.
- संसद के किसी सदस्य द्वारा कही गई किसी भी बात या दिए गए किसी मत को पूरी आजादी से रखने की छूट होती है.
- संसद के सदस्यों को की गिरफ्तारी, नजरबंदी, दोषसिद्धी की जानकारी तुरंत संसद की दी जाती है.
- सभापति की अनुमति के बिना सदन के अंदर किसी सांसद को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
वोट फॉर कैश मामले में SC ने खत्म की थी इम्यूनिटी
सांसदों के विशेषाधिकार से संबंधित एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में अहम फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने कैश फॉर वोट मामले से सांसदों और विधायकों को कानूनी संरक्षण प्रदान करने से रोक दिया था. यानी संसद का कोई सदस्य रिश्वत लेकर किसी मामले में भाषण या वोट देता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. पहले ऐसा नहीं था, सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में पीवी नरसिम्हा राव से संबंधित ऐसे ही मामले में कानूनी संरक्षण प्रदान किया था.
धक्का-मुक्की को लेकर नहीं है कोई नियम
संसद में सांसदों द्वारा धक्का-मुक्की या मारपीट जैसा मामला अभी तक सामने नहीं आया है. न ही संविधान या संसद की नियमावली में इसका जिक्र है. ऐसे में साफ है कि ऐसा मामला होने पर सांसदों को विशेषाधिकार नहीं मिलेगा, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
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