Prayagraj News : छात्रों की पहली पसंद है मां की रसोई , लॉकडाउन में सेवा से मिली पहचान, जानिए मनीषा की कहानी
अमित सिंह /प्रयागराज : ” मां की रसोई ” जैसा इसका नाम है वैसा ही इसका काम. अगर कोई छात्र या जन सामान्य एक बार हमारे यहां खाना खाता है तो वह दोबारा जरूर आता है. क्योंकि हम शुद्धता के साथ-साथ मां के प्यार को भी परोसते हैं. इसलिए प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चे भी हमें बहुत प्यार करते हैं. यह कहना है ” मां की रसोई ” नामक रेस्टोरेंट की मालकिन मनीषा श्रीवास्तव का.
खास बात यह है कि मनीषा श्रीवास्तव के पास 5 से अधिक डिग्री है. वह संगीत, ब्यूटीशियन, बीएड , एमएड सहित विषयों की भी पढ़ाई कर चुकी है. बता दें कि प्रयागराज के त्रिपाठी चौराहे के पास 10 बाई 10 कमरे में इनकी दुकान है. मनीषा ने बताया कि कोरोना काल के समय लॉकडाउन के दौरान उन्होंने न सिर्फ पढ़ाई करने वाले बच्चों को बल्कि राहगीरों को, अस्पतालों में जरूरतमंदों को जमकर मुफ्त में भोजन कराया और इसी का नतीजा रहा कि लोगों ने मां की रसोई को सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से खूब प्यार मिला.
गुणवत्ता और बच्चों की सेहत हमारी पहली प्राथमिकता
हमारी खास बात यह है कि हम बच्चों को वही खाना खिलाते हैं जो स्वयं उस दिन खाते हैं. हमने भले ही जीविकोपार्जन के लिए इस व्यवसाय का चयन किया है, लेकिन गुणवत्ता और बच्चों की सेहत हमारी पहली प्राथमिकता रहती है. ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता है जब तीन से चार जरूरतमंद प्रतिदिन हमारे दुकान से मुफ्त में भोजन करके नहीं जाता हो. इसके लिए हम मानसिक और आर्थिक रूप से भी तैयार रहते हैं.
.
FIRST PUBLISHED : June 03, 2023, 22:28 IST