Property News: भारत में कमर्शियल प्रॉपर्टी की मांग और कीमतें बढ़ीं: सीबीआरई रिपोर्ट

[ad_1]

Last Updated:

Property News: देश में कमर्शियल प्रॉपर्टी की डिमांड और प्राइस बढ़ रही है, लेकिन रेंटल डिमांड में कमजोर देखने को मिल रही है. 2023 में 71 लाख वर्ग फुट की तुलना में 2024 में 64 लाख वर्ग फुट खुदरा प्रतिष्ठानों को प…और पढ़ें

मॉल और मार्केट में महंगी दुकानों के भाव बढ़े, मांग में आई कमी, जानिए क्यों

फाइल फोटो (Canva)

नई दिल्ली. देश में एक और जहां कमर्शियल प्रॉपर्टी की डिमांड और प्राइस बढ़ रही है. वहीं, दूसरी ओर इनकी रेंटल डिमांड कमजोर पड़ती दिख रही है. दरअसल, देश के 8 प्रमुख शहरों में पिछले साल शॉपिंग मॉल और महंगे बाजारों में खुदरा प्रतिष्ठानों को पट्टे पर दिए जाने की गतिविधियां 10 प्रतिशत घटकर 64 लाख वर्ग फुट रह गईं. रियल एस्टेट परामर्शदाता सीबीआरई ने यह जानकारी दी. सीबीआरई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आपूर्ति में कमी होने से रिटेल कमर्शियल दुकानों को किराये पर देने की गतिविधि सीमित रही. इसके पहले वर्ष 2023 में 71 लाख वर्ग फुट की खुदरा दुकानों को पट्टे पर दिया गया था.

सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका क्षेत्र के चेयरमैन और मुख्य कार्यपालक अधिकारी अंशुमान मैगजीन ने कहा कि वर्ष 2025 में भारत के खुदरा क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- SBI FD Vs Post Office FD: 5 साल के डिपॉजिट पर कहां ज्यादा फायदा? ₹3.5 लाख जमा पर समझें कैलकुलेशन

किराये के लिहाज से कैसे रहेगा 2025

उन्होंने कहा कि खुदरा प्रतिष्ठानों को पट्टे पर दिए जाने की गतिविधि स्थिर रहने की उम्मीद है. इसका कारण यह है कि बाजार में खुदरा स्थानों की आपूर्ति लगातार बढ़ रही है और मांग भी मजबूती बरकरार है.

इससे पहले सीबीआरई की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत के प्रॉपर्टी मार्केट में इन्वेस्टमेंट 2024 में काफी बढ़ा है. पिछले साल भारतीय रियल एस्टेट में पिछले वर्ष 11.4 अरब डॉलर का इक्विटी निवेश आया. यह सालाना आधार पर 54 प्रतिशत ज्यादा रहा.

मुख्य रूप से सिंगापुर, अमेरिका और कनाडा ने 2024 में भारतीय रियल एस्टेट में कुल इक्विटी निवेश में 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया. पूंजी प्रवाह में डेवलपर्स सबसे आगे रहे, जिनकी हिस्सेदारी 2024 में कुल इक्विटी निवेश का लगभग 44 प्रतिशत रही. इसके बाद संस्थागत निवेशक 36 प्रतिशत, निगम 11 प्रतिशत, रीट (रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट) चार प्रतिशत और अन्य श्रेणियां लगभग पांच प्रतिशत रहीं.

(भाषा से इनपुट के साथ)

homebusiness

मॉल और मार्केट में महंगी दुकानों के भाव बढ़े, मांग में आई कमी, जानिए क्यों

[ad_2]

Source link

x