Public Opinion: बिलासपुर में 500 एकड़ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण, महिलाओं ने कहा- गांव के विकास में आ रही रुकावट



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बिलासपुरः बिलासपुर जिले के तखतपुर के घोरामार गांव की महिलाओं ने गांव की शासकीय जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. उन्होंने इससे पहले एडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए जमीन को सुरक्षित रखने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है. ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि शासकीय भूमि पर कब्जे के कारण गांव का विकास रुक रहा है.

महिलाओं ने बताया कि घोरामार गांव में करीब 500 एकड़ शासकीय भूमि है, जिसका उपयोग गांव और आसपास के पंडाकापा, बीजा, नवापथरा, देवतरी, देवतरा, और करगीकला जैसे इलाकों के पशुओं के चरागाह के लिए किया जाता है. इस भूमि पर पेड़-पौधे भी हैं जो पर्यावरण संरक्षण में सहायक है. लेकिन, गांव के ही कुछ लोग—सुरेश साहू, दिनेश साहू, सियाराम यादव और बहोरन यादव—इस जमीन के एक हिस्से पर कब्जा कर मकान बना रहे हैं.

फिर हो रहा कब्जा
ग्राम की निवासी निर्मला बाई राजपूत ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है. पिछले कई वर्षों से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होता रहा है. पूर्व में शिकायत करने पर अतिक्रमण हटाया गया था, लेकिन अब फिर से उसी भूमि पर कब्जा शुरू हो गया है.

विकास कार्यों पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शासकीय भूमि पर कब्जे के कारण विकास कार्य रुक रहे हैं. अतिक्रमण के चलते सरकारी योजनाओं के तहत बनने वाले भवनों और अन्य संरचनाओं के लिए जमीन ही नहीं बच रही है. यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरी शासकीय भूमि पर कब्जा हो सकता है.

महिलाओं की प्रशासन से अपील
ग्रामीण महिलाओं ने शासन-प्रशासन से अपील की है कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि शासकीय भूमि को सुरक्षित रखना सभी की जिम्मेदारी है. अगर अतिक्रमण जल्द नहीं रोका गया, तो गांव का विकास और पर्यावरण संतुलन दोनों प्रभावित होंगे.

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