Quitting Alcohol Reduce The Risk Of Cancer And Diabetes Know What Statistics And Science Say

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Alcohol Risk of Cancer: आपको नशे की आदत है. आपका कोई दोस्त रोज शराब पीता है. अचानक से एक दिन वह शराब छोड़ने को बोलता है और छोड़ देता है. उसके बॉडी पर शराब अचानक से छोड़ने के चलते कुछ असर दिखने लगते हैं. उसे कैसे कंट्रोल कर सकते हैं? कुछ लोगों का मानना है कि शराब का थोड़ा सा सेवन करना हानिकारक नहीं होता है. अमेरिकी जीवविज्ञानी रेमंड पर्ल ने 1926 में शराब पर एक किताब लिखी थी, जिसमें कहा था कि एक निश्चित दैनिक मात्रा में शराब का सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है. विभिन्न रोगी मामलों के इतिहास से ली गई इस पुस्तक ने शराब पीने वालों के बीच इस विश्वास को बढ़ावा दिया कि प्रतिदिन दो बार सेवन करना औषधीय है. कई शराब पीने वाले अक्सर इस तर्क का हवाला देते हैं, लेकिन हालिया वैज्ञानिक स्टडी इस धारणा का खंडन करता है.

हाल में की गई स्टडी पर्ल के सिद्धांत से मेल नहीं खाते हैं. उनका सुझाव है कि स्पष्ट स्वास्थ्य लाभ स्वयं शराब के कारण नहीं थे, बल्कि यह तथ्य था कि वे व्यक्ति पहले से ही शारीरिक रूप से स्वस्थ थे, जिसने शराब को नुकसान पहुंचाने से रोका. प्रतिदिन शराब के सेवन से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. इन वैज्ञानिक अध्ययनों को JAMA नेटवर्क और जर्नल ऑफ़ कार्डियोवस्कुलर डेवलपमेंट एंड डिज़ीज़ में दिखाया गया है. वे समग्र स्वास्थ्य के लिए शराब का सेवन बंद करने के फायदों पर भी जोर देते हैं.

शराब शरीर पर किस प्रकार प्रतिकूल प्रभाव डालती है?

नेचर जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, शराब के सेवन से लगभग 200 विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जब शराब शरीर में प्रवेश करती है, तो यह शुरू में मस्तिष्क कोशिकाओं को प्रभावित करती है, याददाश्त ख़राब करती है और इम्यूनिटी सिस्टम में हस्तक्षेप करती है, जिससे क्लेबसिएला निमोनिया जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ जाता है, जो फेफड़ों के लिए हानिकारक है. इसके अलावा, स्टडी इस बात पर ज़ोर देता है कि किसी भी मात्रा में शराब का सेवन कैंसर में योगदान दे सकता है, यह चिंता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी उजागर की गई है.

शराब छोड़ने के फायदे

कई अध्ययनों से पता चला है कि शराब से परहेज करने से एकाग्रता बढ़ती है और गहरी नींद आती है. लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, शराब छोड़ने के बाद कैंसर से जुड़े प्रोटीन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर का स्तर 70 प्रतिशत से अधिक कम हो जाता है. इसी तरह, संवहनी एंडोथेलियल ग्रोथ फैक्टर स्तर में 41 प्रतिशत की कमी होती है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है.

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