rahul gandhi says jalebi should reach worldwide know the origin of jalebi


Jalebi Origin: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार प्रसार का दौर जारी है. सभी राजनीतिक दल रैलियां कर रहे हैं, बैठकें कर रहे हैं, जनसभाएं संबोधित कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज नेता राहुल गांधी भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं. राहुल गांधी चुनाव के माहौल के बीच सोनीपत के गोहाना में पहुंचे थे. सोनीपत के गोहाना अपने क्षेत्र की जलेबियां के लिए काफी प्रसिद्ध है.

और अब सोशल मीडिया पर जलेबी को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं. क्योंकि राहुल गांधी ने भी गोहाना की मशहूर जलेबी खाई. और इसकी तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस जलेबी को हिंदुस्तान समेत दुनिया भर में पहुंचना चाहिए. लेकिन क्या आपको पता है जिस जलेबी को भारतीय बड़े चाव से खाते हैं. वह जलेबी भारत की नहीं है. बल्कि किसी और मुल्क से भारत आई थी. चलिए आपको बताते हैं कहां से आई थी जलेबी. 

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ईरान से भारत आई जलेबी

भारत में कई तरह की जलेबी बनाई और खाई जाती हैं. लेकिन जलेबी भारत की अपनी मिठाई नहीं है. जैसे समोसा भारत में ही बनना शुरू हुआ था. वैसे जलेबी भारत में बननी शुरू नहीं हुई थी. इतिहासकारों के मुताबिक जलेबी ईरान से भारत आई थी. जलेबी को अरबी में जलाबिया कहा जाता है. दसवीं सदी की पुस्तक ‘किताब-अल-तबीख’ में जलेबी का जिक्र मिलता है.

धीरे-धीरे जलबिया भारत में जलेबी बन गई. इतिहासकारों के मुताबिक तुर्क आक्रमणकारियों के साथ ही जलेबी भारत आई थी. अब भारत में ही नहीं बल्कि. पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों में भी जलेबी खूब पसंद की जाती है. 

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राहुल गांधी ने खाई स्पेशल जलेबी

सोनीपत के गोहाना में राहुल गांधी ने जो जलेबी खाई वह काफी खास जलेबी है. जिस दुकान से राहुल ने जलेबी खाई वह दुकान साल 1958 में खोली गई थी. इस दुकान को अब परिवार की तीसरी पीढ़ी संभाल रही है. गोहाना की जलेबी शुद्ध देसी घी से बनाई जाती है. सिर्फ राहुल गांधी नहीं बल्कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस जलेबी को खा चुके हैं. इसकी कीमत की बात की जाए तो यह 300 रुपये किलो तक में बिकती है.

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