Rajasthan Ashok Gehlot Again Accused Of Phone Tapping Amid Lok Sabha Elections – लोकसभा चुनाव के बीच अशोक गहलोत पर फिर लगे फोन टैपिंग के आरोप



36ptqv48 ashok gehlot lokesh Rajasthan Ashok Gehlot Again Accused Of Phone Tapping Amid Lok Sabha Elections - लोकसभा चुनाव के बीच अशोक गहलोत पर फिर लगे फोन टैपिंग के आरोप

शर्मा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “अशोक गहलोत द्वारा मुझे दी गई क्लिपिंग और कागजात उनके निर्देश पर मीडिया के साथ साझा किए गए थे.” उन्होंने दावा किया, ”न्यूज फ्लैश होने के बाद मुझे पेन ड्राइव में मौजूद सामग्री के बारे में पता चला.” कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर अपने राजनीतिक करियर को बरकरार रखने के लिए उन्हें एक ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए शर्मा ने कहा, ”अब तक, मैं कह रहा था कि मुझे ये ऑडियो क्लिप और पेपर सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुए, लेकिन वास्तविकता यह है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे ये दिये थे.”

गहलोत पर फोन टैपिंग की साजिश रखने का आरोप

उन्होंने कहा, “अशोक गहलोत ने मुझे राज्य में कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित ऑडियो क्लिप के साथ-साथ इसी विषय पर एक लिखित सामग्री की एक पेन ड्राइव दी. साथ ही, मुझसे उस फोन को नष्ट करने के लिए कहा गया, जिस पर मैंने क्लिपिंग साझा की थी. उन्होंने मुझसे वह लैपटॉप भी किसी दूसरे राज्य में भेजने के लिए कहा जिस पर मैंने क्लिपिंग्स डाउनलोड की थी.” शर्मा ने कहा कि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बागी होने और मानेसर जाने के बाद पूरी योजना बनाई गई थी. उस समय, पायलट ने कहा था कि सरकार में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है और इसलिए वे यह सुनिश्चित करने के लिए मानेसर गए थे कि आलाकमान उनकी बात सुने.

शर्मा ने दावा किया, “हालांकि, अशोक गहलोत यह आभास देना चाहते थे कि बीजेपी के गजेंद्र सिंह शेखावत पायलट की मदद से सरकार गिराना चाहते थे, और इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री ने यह योजना बनाई. उन्होंने अपने सभी विधायकों के फोन सर्विलांस पर रख दिए. यहां तक ​​कि उन विधायकों को भी निगरानी पर रखा गया था, जो होटल फेयरमोंट में डेरा डाले हुए थे.” उन्होंने कहा कि पूरी योजना बीजेपी को बदनाम करने और ऐसी छवि बनाने के लिए रची गई थी कि विपक्षी दल सरकार को गिराना चाहता है.

गहलोत के पूर्व ओएसडी का चौंकाने वाला खुलासा

शर्मा ने यह भी दावा किया कि केंद्रीय मंत्री शेखावत को यह दिखाने के लिए साजिश में जोड़ा गया था कि पायलट के साथ मिलकर बीजेपी का उद्देश्य गहलोत की सरकार को गिराना था. उन्होंने मीडिया को वह पेन ड्राइव भी दिखाई जो कथित तौर पर अशोक गहलोत ने उन्हें दी थी और साथ ही वह लैपटॉप भी दिखाया, जिसका इस्तेमाल उन्होंने क्लिपिंग डाउनलोड करने के लिए किया था, जिसे उन्होंने बाद में मीडिया के साथ साझा करने के लिए अपने फोन में स्थानांतरित कर लिया था.

बता दें कि केंद्रीय मंत्री शेखावत द्वारा फोन टैपिंग का आरोप लगाने की शिकायत दर्ज कराने के बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. लोकेश शर्मा ने मामला दर्ज करने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था. उनकी याचिका अभी भी हाई कोर्ट में लंबित है. इस दौरान अपराध शाखा शर्मा से करीब आधा दर्जन बार पूछताछ कर चुकी है. लोकेश शर्मा ने कहा कि वह अब सच्चाई उजागर कर रहे हैं क्योंकि गहलोत ने उन्हें धोखा दिया है. उन्होंने दावा किया, “मुझसे वादा किया गया था कि मेरा ख्याल रखा जाएगा और मेरे मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाएगा, लेकिन अब हर कोई चुप हो गया है, और मुझे अधर में छोड़ दिया गया है.”

गहलोत और उनकी टीम पर साजिश रचने का आरोप

शर्मा ने यह भी कहा कि गहलोत और उनकी टीम शेखावत के खिलाफ उनके आवास पर साजिश रचती रही. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने संजीवनी मामले से जुड़े लोगों को बुलाया और उनके वीडियो शूट किए और उन्हें जानबूझकर वायरल कर दिया. शर्मा ने गहलोत पर उनके कार्यालय पर एसओजी की छापेमारी कराने का भी आरोप लगाया. 

शर्मा ने दावा किया, “उन्हें डर था कि कहीं मैंने फोन नष्ट न किया हो,  इसलिए मेरे पूरे ऑफिस की तलाशी ली गई. यह मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था क्योंकि जिस व्यक्ति के प्रति मैंने खुद को समर्पित किया उसी ने मेरे ऑफिस की तलाशी ली.  हालांकि, जब टीम को फोन नहीं मिला तो वे संतुष्ट होकर चले गए.” उन्होंने आरईईटी पेपर लीक मामले में गहलोत का हाथ होने का भी आरोप लगाया. 

आरईईटी पेपर लीक मामले में भी फंसे गहलोत

शर्मा ने दावा किया, “शुरुआत में, पूर्व सीएम यह मानने को तैयार नहीं थे कि आरईईटी पेपर लीक हो गया था. हालांकि, भारी दबाव में इसकी लेवल-2 परीक्षा रद्द कर दी गई, जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली का नाम आरोपी के रूप में सामने आया, तो गहलोत और उनकी टीम भ्रमित हो गई कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘वह हमारा आदमी है’.” शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान को भी नहीं बख्शा.

उन्होंने आरोप लगाया, “जब मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जैसे दिग्गज नेताओं को 25 सितंबर 2022 को एक उच्च स्तरीय बैठक के लिए दिल्ली भेजा गया था, तो मुझे गहलोत द्वारा मीडिया के साथ साझा करने के लिए कहा गया था कि जो विधायक शांति धारीवाल के घर पर एकत्र हुए थे, वे नहीं चाहते हैं कि पायलट को सीएम चुना जाए,  मुझसे यह खबर फैलाने के लिए कहा गया कि विधायक कह रहे हैं कि वे किसी को भी सीएम बना सकते हैं, लेकिन पायलट को नहीं. इस तरह यह फिर से गहलोत द्वारा मनगढ़ंत बात कही गई.”

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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