Rajasthan High Court Canceled The Death Sentence Accused Gangrape Murder Ann
Bundi News: राजस्थान के बूंदी में मासूम बालिका से गैंगरेप कर उसकी हत्या करने के मामले में बूंदी कोर्ट द्वारा दो आरोपियों को सुनाई गई थी. उक्त फांसी की सजा को राजस्थान हाईकोर्ट ने रद्द कर दोनों आरोपियों को रिहा करने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट में शुक्रवार (02 जून) को जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ में हुई सुनवाई में यह आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें कहा है कि जांच में बूंदी पुलिस द्वारा कोर्ट में ठोस सबूत पेश नहीं किए गए. जिससे आरोपियों की घटना में संलिप्तता सामने आई हुई हो. ऐसे में कोर्ट ने दोनों आरोपियों को साक्ष्य सही नहीं मिलने पर बरी किया है. साथ ही फैसले को पलटते हुए राज्य सरकार की डेथ रेफरेंस को खारिज कर दिया है. राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए है.
गौरतलब है कि बूंदी पॉक्सो कोर्ट ने 29 अप्रैल 2022 को मासूम से गैंगरेप कर हत्या के मामले में दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने दोनों पर 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था. मामले में दोनों आरोपियों ने बकरियां चरा रही नाबालिग को बंधक बनाकर रेप की वारदात को अंजाम देकर बालिका के नग्न शरीर को जंगल में फेंक कर चले गए थे. पुलिस ने घटना के बाद दोनों आरोपियों को 12 घंटे में गिरफ्तार कर लिया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि आरोपियों ने मासूम को शरीर के करीब 19 हिस्सो में नोच रखा था और पुरे शरीर पर चोट ही चोट के निशान थे. दोनों आरोपी पीड़िता के रिश्तेदार भी लगते है.
बूंदी पोक्सो कोर्ट ने सुनाई थी सज़ा
गौरतलब है की बसोली थाना क्षेत्र के जंगल में 23 दिसंबर 2021 को बकरियां चराने गई 15 साल की आदिवासी बालिका से गैंगरेप और नृशंस हत्या के केस में पॉक्सो कोर्ट 2 ने फैसला सुनाया था . इस केस में पोक्सो कोर्ट नंबर-02 में न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने अंतिम सुनवाई की थी. राज्य सरकार की ओर से स्पेशल लोक अभियोजक महावीर किशनावत और आरोपियों के अधिवक्ता ने अपने-अपने तर्क दिए थे. लोक अभियोजक ने अदालत के समक्ष 22 गवाह और 79 दस्तावेज पेश किए. यह केस काफी चर्चित रहा था. मासूम बालिका के साथ दरिंदगी करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा देने की लोग मांग कर रहे थे. इसमें तीन आरोपी हैं, जिसमें एक बाल अपचारी है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह हुआ था खुलासा
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया था कि शराब के नशे में दरिंदे चुन्नी से हाथ और गर्दन बांधकर बालिका से दुष्कर्म करते रहे. पूरे शरीर को बुरी तरह नोचते रहे. मासूम लड़ती रही, दौड़ी तो पत्थर मारे. बेसुध हालत और मौत के बाद भी दुष्कर्म करते, नोचते रहे. दरिंदों ने दुष्कर्म के दौरान ही बालिका की गला दबाकर हत्या कर दी थी. बूंदी में किसी मासूम से ऐसी दरिंदगी का यह पहला केस है. यह निर्भया कांड से कम नहीं था. सूत्रों ने बताया था की बालिका को दरिंदो ने 19 जगह से नोच रखा था.
जंगल में नग्न अवस्था में मिला था शव
बसोली थाना क्षेत्र के जंगल में 15 साल की मासूम का शव 23 दिसम्बर की शाम को जंगल में मिला था. मासूम जंगल में बकरियां चराने गई थी वहां उसे जंगल में अकेला पाकर नशे में धुत तीन दरिंदों ने पकड़ लिया, फिर बारी -बारी से गैंगरेप किया. विरोध किया तो उसे नोंचा. मुंह से काटकर शरीर पर जख्मी कर दिया. मासूम चिल्लाती रही और जिंदगी की भीख मांगती रही. जब उसने पूरी घटना घर वालों को बताने की बात कही तो तीनों ने मिलकर उसका चुन्नी से गला घोंट दिया और पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी.
यही नहीं आरोपियों ने उसे घसीटा और मौत हो जाने के बाद भी रेप करते रहे. जिसकी पुष्टि बाद में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई थी. बता दे की मासूम अपने मौसा के पास पिछले 10 साल से रह रही थी. मौसा के कोई संतान नहीं है. इसलिए वह अपनी बड़ी साली की बेटी को अपने पास रखता था. मौसा खेती करता है और खेत में ही टापरी बनाकर रह रहा था. पीड़ित बालिका घटना वाले दिन दोपहर दो-तीन बजे के करीब सात-आठ साल की दो अन्य बच्चियों के साथ जंगल में बकरियां चराने गई थी.
डॉग पहुंचा आरोपियों के घर तक
वारदात की सूचना पर पुलिस आलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे. पुलिस ने एफएसएल और डॉग स्क्वॉड को मौके पर साक्ष्य जुटाने के लिए बुलाया था. लाश के कुछ दूरी पर पुलिस को एक कपड़ा और कुछ बाल मिले थे. डॉग स्क्वॉड टीम ने उसे कपड़े से आरोपी को सर्च करना शुरू किया. डॉग स्क्वायड की मदद से 12 घंटे में वारदात का खुलासा करने का दावा किया था. मामले में पुलिस ने 27 वर्षीय सुल्तान एवं 62 वर्षीय छोटू लाल भील को गिरफ्तार किया. वारदात में शामिल एक आरोपी नाबालिग निकला था जिसे निरुद्ध किया था.
दरिंदे बालिका के पड़ौसी थे
दरिंदाें में शामिल सुल्तान पुत्र रामलाल भील, उम्र 27, निवासी काछोला के पास, भीलवाड़ा हाल काला कुआं, छोटूलाल पुत्र देवीलाल भील उम्र 62, निवासी काला कुआं और 16-17 साल का नाबालिग शामिल था. ये सभी बालिका के परिवार के पड़ौसी थे, खेत में टपरी में रहते थे.
200 जवानों ने छाना था जंगल
मामले में उस समय एसपी जय यादव ने 10 थाना अधिकारियों के साथ 200 जवानों की मदद से पूरे जंगलों को छाना था. ड्रेगन लाइटों और डॉग स्क्वायड की मदद ली गई. तब जंगल में आरोपी की अंडरवियर मिली. इसी से वारदात खुली और पुलिस दिन निकलने से पहले आरोपियों तक पहुंच गई थी. मामले में पुलिस की ओर से त्वरित जांच के लिए बूंदी के तत्कालीन डीएसपी हेमंत नोगिया को केस ऑफिसर नियुक्त किया था.
मंत्री चांदना ने एसपी की थपथपाई थी पीठ
जब दोनों आरोपियों को बूंदी पोक्सो न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी तो प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. 29 अप्रैल 2022 को सीएम गहलोत ने कहा है की देश में रेप होना चिंता का विषय है. लगातार ऐसी खबरें आती रहती है इसको ध्यान में रखते हुए हमने प्रदेश में कई नवाचार किए हैं. सबसे पहले हमने हर थानों में अपराध की एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया.
पुलिस में महिला अपराधों की जांच के लिए एएसपी के नेतृत्व में अलग से सेल बनाई. फॉरेंसिक लैब की संख्या बढ़ाई गई. लीगल ऑफिसर की नियुक्ति की गई जिससे कोई अपराध हो तो आरोपी अदालत में भी ना बस सके. इसके लिए हमने केस ऑफिसर स्कीम बनाई और उसमें केस लेकर एक अधिकारी लगाया ताकि कोर्ट में गवाह नहीं बदल सके. इसी तरह बूंदी जिले के हिंडोली से विधायक और सरकार में मंत्री अशोक चांदना ने उसे समय सारणी के रूप से बूंदी पुलिस के अनुसंधान को सही ठहराते हुए एसपी की पीठ थपथपाई थी.
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