Rajasthan Vidhansabha Upchunav: चुनाव की बजी घंटी, कांग्रेस की बढ़ गई टेंशन, सीट 7 और चुनौती इतने सारे


जयपुरः राजस्थान के 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है, जहां 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. जिन 7 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें देवली, दौसा, रामगढ़, झुंझुनूं, खींवसर, सलूंबर और चौरासी सीट शामिल है. इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे. कांग्रेस और भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पास कुछ भी खोने को नहीं है. क्योंकि अगर बीजेपी हारती भी है तो राज्य में सरकार की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है और केवल सलूंबर पर जीत हासिल की थी. लेकिन कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि इसमें से चार सीट कांग्रेस के पास थी. झुंझुनून, देवली-उनियारा, रामगढ़ और दौसा सीट पर कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. इसमें से तीन सीट विधायकों के सांसद बनने पर खाली हुई हैं. वहीं रामगढ़ सीट के विधायक जुबेर खान की निधन हो गया था.

कांग्रेस के लिए वंशवाद चुनौती
कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती पहले तो उम्मीदवारों के चयन की है. झुंझुनूं से ओला परिवार, देवली-उनियारा से हरीश मीणा, रामगढ़ से मुरारी मीणा और दौसा से जुबेर खान के परिजनों ने टिकट की मांग की है. ऐसे में वंशवाद से बचना कांग्रेस के लिए मुश्किल हो रहा है.

गठबंधन बना चुनौती
चौरासी, सलूंबर और खींवसर तीन सीटों पर भी कांग्रेस के लिए चुनौती है. क्योंकि इन तीनों सीटों पर आरएलपी सहित अन्य दूसरे दलों का जनाधार मजबूत है. हालांकि अभी तक गठबंधन को लेकर पार्टी किसी निष्कर्ण पर नहीं पहुंची है. कांग्रेस पार्टी में इन 3 सीटों पर मजबूत उम्मीदवार कम हैं, जिसके चलते उसके भीतर तीसरे स्थान पर भी रहने का डर बना हुआ है.

साख बचाने की चुनौती
राजस्थान के इन 7 सीटों के उपचुनाव में कई पार्टियां हिस्सा लेंगी. लेकिन सबसे अधिक चुनौती कांग्रेस पार्टी में है. ये चुनाव कांग्रेस की साख का सवाल है. हाल ही में लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस पार्टी का शानदार प्रदर्शन नजर आया था. लेकिन ये उपचुनाव बहुत कुछ तय कर सकता है.

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