Ramlala Pran Pratishtha: Special Puja Held In Temples Of Tripura, Assam, Procession Taken Out – रामलला प्राण प्रतिष्ठा : त्रिपुरा, असम के मंदिरों में हुई विशेष पूजा, शोभायात्रा निकाली गईं

[ad_1]

Ramlala Pran Pratishtha: Special Puja Held In Temples Of Tripura, Assam, Procession Taken Out - रामलला प्राण प्रतिष्ठा : त्रिपुरा, असम के मंदिरों में हुई विशेष पूजा, शोभायात्रा निकाली गईं

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज, भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ 500 साल पुराना इंतजार खत्म हो गया है. इसके साथ ही देश ने राम राज्य की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है.”

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम भक्तों की सराहना के पात्र हैं. प्रधानमंत्री लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं और हम भी सर्वोत्तम तरीके से लोगों की सेवा करने का प्रयास कर रहे हैं.”

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी प्रगति रोड स्थित मेहर कालीबाड़ी में यज्ञ किया. प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर विभिन्न संगठनों ने भी त्रिपुरा में पूजा-अर्चना की.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘श्री राम लला’ के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एक ‘निर्णायक मोड़’ तथा ‘राष्ट्रीय चेतना का पुनर्जागरण’ बताया. अयोध्या में भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के मौके पर असम के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये.

शर्मा ने यहां हरिजन कॉलोनी में प्राण प्रतिष्ठा समारोह देखा. विभिन्न स्थानों पर विशेष प्रार्थना आयोजित की गयी तथा लोगों ने पटाखे छोड़े. अयोध्या से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण किया गया. असम के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी में उत्सव जैसा माहौल रहा और बड़ी संख्या में लोगों ने पूरे दिन विभिन्न स्थानों पर शोभायात्रा में भाग लिया और पटाखे भी फोड़े.

सुबह से ही मंदिरों के साथ-साथ आवासीय परिसरों में भी पूजा-अर्चना और यज्ञ का आयोजन किया गया. शहर में नीलाचल पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर की प्रबंध समिति ने कहा कि मंदिर में दिन के दौरान विशेष प्रार्थना और यज्ञ का आयोजन किया गया.

राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थल गोलाघाट जिले के श्री श्री अठखेलिया नामघर में 50,000 से अधिक मिट्टी के दीयों से परिसर को रोशन किया गया. वैष्णव संत और समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली बटद्रवा में भी विशेष प्रार्थना आयोजित की गई.

ये भी पढ़ें- मतभेद त्याग कर एकजुट रहें, क्योंकि राम राज्य आ रहा है : RSS प्रमुख मोहन भागवत

ये भी पढ़ें- श्रीराम जन्मभूमि मंदिर युगों-युगों तक सनातन संस्कृति का अद्वितीय प्रतीक रहेगा : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

[ad_2]

Source link

x