Rashmika Mandanna Deep Fake Case: Delhi Police Arrests Video Maker – रश्मिका मंदाना डीप फेक मामला : दिल्ली पुलिस ने वीडियो बनाने वाले को किया गिरफ्तार



mduc9nhg rashmika Rashmika Mandanna Deep Fake Case: Delhi Police Arrests Video Maker - रश्मिका मंदाना डीप फेक मामला : दिल्ली पुलिस ने वीडियो बनाने वाले को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली:

रश्मिका मंदाना डीप फेक मामले में दिल्ली पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है जिसके ऊपर यह डीप फेक वीडिय बनाने का आरोप है. बता दें कि यह डीप फेक वीडियो पिछले साल नवंबर में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डीफ फेक को लेकर कानून बनाए जाने की मांग होने लगी थी. वायरल हुए इस वीडियो में ब्रिटिश-भारतीय इन्फ्लूएंसर पटेल को काले रंग की पोशाक में लिफ्ट में प्रवेश करते हुए दिखाया गया था. उसने डीप फेक तकनीक तकनीक के उपयोग के माध्यम से पटेल का चेहरा मूल रूप से मंदाना के चेहरे से बदला गया था. 

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इस डीप फेक वीडियो को लेकर अभिनेत्री मंदाना ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने उस दौरान कहा था कि ये “बेहद डरावना” है. ईमानदारी से कहूं तो, ऐसा कुछ न केवल मेरे लिए बल्कि हममें से हर किसी के लिए बेहद डरावना है, जो आज तकनीक के दुरुपयोग के कारण बहुत अधिक नुकसान की चपेट में है.

वायरल डीपफेक वीडियो के बाद केंद्र सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के लिए एक गाइडलाइन जारी करने की बात कही थी. इस गाइडलाइंस के तहत डीपफेक को लेकर भी कानून बनाने की बात थी. 

केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गलत सूचना और डीपफेक से निपटने में उनके द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा करने के लिए दिसंबर में अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से मुलाकात की थी. और कहा था कि प्लेटफार्मों द्वारा 100 प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए अगले दो दिनों में सलाह जारी की जाएगी. 

इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि डीपफेक हम सभी के लिए एक बड़ा मुद्दा है. हमने हाल ही में सभी बड़े सोशल मीडिया फॉर्मों को नोटिस जारी कर उन सामग्रियों को हटाने के लिए डीपफेक की पहचान करने के लिए कदम उठाने को कहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने प्रतिक्रिया दी है. वे कार्रवाई कर रहे हैं. हमने उन्हें इस काम में और अधिक आक्रामक होने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा था कि इसके अलावा, हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि ‘सेफ हार्बर’ क्लॉज जिसका अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आनंद ले रहे हैं, अगर प्लेटफॉर्म ऐसा नहीं करते हैं तो यह लागू नहीं होता है. इस गाइडलाइंस के तहत डीपफेक को लेकर भी कानून बनाने की बात कही गई थी. 



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