Ratan Tata: भारत ने खोया अपना ‘रतन’… अब सरकार दे भारत रत्न, भावुक होकर बोले भोपाल वासी


भोपाल: भारतीय उद्योग जगत के मॉडर्न-डे पितामह कहे जाने वाले टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. भारत के अनमोल ‘रतन’ रतन टाटा को पूरा देश प्यार करता था, जिसकी बानगी भोपाल में भी देखने को मिली. मुंबई में उनके देहांत की खबर भोपाल पहुंचने के बाद यहां भी लोग शोक में डूब गए. सीएम डॉ. मोहन यादव ने रतन नवल टाटा को उनके अद्वितीय कार्य के लिए नमन किया. वहीं Local 18 के माध्यम से भोपाल वासियों ने मोदी सरकार से बड़ी मांग कर दी. लोगों ने केंद्र सरकार से मांग की रतन टाटा को भारत रत्न मिलना चाहिए.

कोई नहीं ले सकता ‘रतन टाटा’ की जगह
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रहे रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि वह जमीन से जुड़े उद्योगपति थे. Local 18 से बात करते हुए भोपाल वासियों ने कहा कि वो भारत को विश्व पटल पर बिजनेस वर्ल्ड में पहचान दिलाने वाले व्यक्ति थे. उद्योग जगत में उनकी जगह कोई नहीं भर पाएगा.

रतन टाटा को रोल मॉडल मानते थे युवा
Local 18 से बात करते हुए भोपाल के युवाओं ने रतन टाटा के निधन को भारत के लिए बहुत बड़ा नुकसान बताया. कहा, रतन टाटा को हम बचपन से पढ़ते आए हैं. वह एक ऐसे नेक दिल व्यक्तित्व के धनी थे कि हमें उनसे काफी कुछ सीखने को मिलता था.

‘टाटा’ को बनाया, दिलाई वर्ल्ड में पहचान
रतन नवल टाटा ने साल 1992 में टाटा ग्रुप को बतौर चेयरमैन संभाला था. उन्होंने टाटा के चेयरमैन पद पर बैठने के बाद ही कई क्षेत्रों में टाटा को स्थापित किया. वह रतन टाटा ही थे, जिन्होंने भारत में कार बनाने का रिस्की बिजनेस शुरू किया था और फिर बाद में टाटा को वर्ल्ड मैप पर पहचान दिलाते हुए लैंड रोवर और जगुआर को टाटा ग्रुप का हिस्सा बनाया था.

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