Ratan Tata Education Qualification Know from where he got educated Ratan Tata Death


Ratan Tata Education: दुनिया भर के दिग्गज उद्योगपति की लिस्ट में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया. इसके बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. रतन टाटा को भारत के साथ-साथ विदेशों में भी प्यार और सम्मान मिलता रहा है. उन्होंने 86 साल की उम्र अंतिम सांस ली, आइए जानते हैं उन्होंने कहां से पढ़ाई-लिखाई की है.

रतन टाटा भारतीय उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष का जन्म 28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे में हुआ. उनकी शिक्षा ने उन्हें न केवल व्यवसाय की दुनिया में बल्कि समाज में भी महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में मदद की. रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई, जहां उन्होंने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और फिर शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में पढ़ाई जारी रखी.

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अमेरिका में लिया एडमिशन

रतन टाटा ने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया, जहां उन्होंने बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर (B.Arch) की डिग्री प्राप्त की. यह अनुभव उनके दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में सहायक रहा. इसके बाद 1975 में, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम किया, जिससे उन्हें प्रबंधन और नेतृत्व की गहरी समझ मिली.

प्रारंभिक करियर

रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत 1960 के दशक में टाटा ग्रुप के साथ की. उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने चूना पत्थर निकालने और ब्लास्ट फर्नेस को संभालने का कार्य किया. इस दौरान उन्होंने टाटा ग्रुप के विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव प्राप्त किया, जो बाद में उनके नेतृत्व में सहायक साबित हुआ.

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टाटा ग्रुप को नया मुकाम

1991 में रतन टाटा ने टाटा संस के अध्यक्ष का पद संभाला. उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने न केवल अपनी आय में वृद्धि की, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई. टाटा ग्रुप ने कई क्षेत्रों में विस्तार किया, जैसे कि स्टील, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी, टेलीकम्युनिकेशन और हॉस्पिटैलिटी.

रतन टाटा की उपलब्धियों में कुछ महत्वपूर्ण अधिग्रहण शामिल हैं, जैसे कि टाटा स्टील द्वारा ब्रिटिश स्टील निर्माता कोरस की खरीद और टाटा मोटर्स द्वारा जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण किया गया. इन कदमों ने टाटा ग्रुप को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत प्रतिस्पर्धी बनाया.

नवाचार के लिए जाने जाते रहेंगे टाटा

रतन टाटा की शिक्षा और करियर यात्रा न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि यह भारतीय उद्योग में नवाचार और नेतृत्व की प्रेरणा भी है. उनकी दृष्टि और प्रयासों ने उन्हें एक प्रतिष्ठित उद्योगपति के रूप में स्थापित किया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे.

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