Ratan Tata lived in a palace like house Bakhtawar in Mumbai know where it stands in comparison to Antilia
Ratan Tata: मुबंई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है. उन्होंने बुधवार देर रात लगभग 11 बजे अंतिम सांस ली. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल की इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) में भर्ती थे और उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे. अपनी सादगी और विनम्रता के लिए पहचाने जाने वाले रतन टाटा दुनिया के सबसे बड़े दानी भी थे. रतन टाटा को पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है. हालांकि वो सादगी से जीवन जीना पसंद करते थे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर वो किस घर में रहते थे और उनका घर ‘बख्तावर’ मशहूर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने कहां टिकता है.
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मुंबई में कहां था रतन टाटा का घर?
अपनी सादगी के लिए पहचाने जाने वाले रतन टाटा उनके मुंबई स्थित अपने आवास ‘बख्तावर’ या ‘कैबिन्स’ में रहते थे. इस घर के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. यह एक आलीशान घर है जो मुंबई के कोलाबा में स्थित है। आइए जानते हैं कि यह घर एंटीलिया जैसे अन्य आलीशान घरों की तुलना में कहां खड़ा होता है और इसकी कुछ खास बातें क्या हैं.
कैसा है रतन टाटा का ‘बख्तावर’?
रतन टाटा का घर ‘बख्तावर‘ अपने आप में एक आश्चर्य है। यह बहुत बड़ा घर है, लेकिन इसके इंटीरियर में सादगी और न्यूनतमवाद का ख्याल रखा गया है। घर में हल्के रंगों का इस्तेमाल किया गया है और सजावट बहुत ही कम है। रतन टाटा का मानना है कि ‘कम ही अधिक है‘ और यह उनके घर के डिजाइन में साफ तौर पर दिखाई देता है.
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एंटीलिया से कितना अलग है बख्तावर?
एंटीलिया और बख्तावर दोनों ही मुंबई के सबसे आलीशान घरों में से हैं, लेकिन इन दोनों में काफी अंतर है. एंटीलिया एक 27 मंजिला इमारत है जो आधुनिक सुविधाओं से लैस है. वहीं बख्तावर एक एकल–मंजिला घर है जो सादगी और विनम्रता को दर्शाता है. एंटीलिया में जहां सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है वहीं बख्तावर में बुनियादी सुविधाएं ही मौजूद हैं. जहां एंटीलियाा आधुनिक और भव्य है वहीं बख्तावर बेहद सादा नजर आता है.
यह घर रतन टाटा के दादा, जमशेदजी टाटा के समय का है और इसके निर्माण में भारतीय वास्तुकला की विशेषताएं शामिल हैं. बख्तावर की भव्यता और इसके अनूठे डिज़ाइन ने इसे एक खास पहचान दिलाई है, जबकि एंटीलिया की आधुनिकता और आर्ट डेको स्टाइल इसकी तुलना में एक अलग दिखाी देते हैं.
रतन टाटा की सोच को दर्शाता है ‘बख्तावर’
रतन टाटा का जीवन दर्शन सादगी और विनम्रता पर आधारित रहा है. वो मानते थे कि पैसा खुशी नहीं खरीद सकता. उनके घर का डिजाइन उनके जीवन दर्शन को दर्शाता है. वो एक साधारण जीवन जीते थे और दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते थे.
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