Regarding Jethua crop, agricultural scientist advised to prepare cow dung beds for farming, there will be bumper yield. – News18 हिंदी


ओम प्रकाश निरंजन / कोडरमा. खेती पर निर्भर रहने वाले किसान यदि कृषि वैज्ञानिक से सलाह लेकर वैज्ञानिक तरीके से खेती करेंगे, तो उन्हें कम लागत में बेहतर मुनाफा होगा. कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा के कृषि वैज्ञानिक डॉ. भूपेंद्र ने बताया कि ठंड खत्म होने के बाद जेठुआ फसल की खेती करने वाले किसान के लिए यह समय काफी अनुकूल है.

लोकल 18 से विशेष बातचीत में कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि जेठुआ फसल लगाने से पहले किसान को अच्छी तरह से खेतों की जुताई, कोड़ाई एवं निराई कर लेनी चाहिए. इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और किसानों को बेहतर लाभ मिलता है. उन्होंने बताया कि यह मौसम जेठुआ फसल नेनुआ, कद्दू, करेला, झींगा, खीरा, ककड़ी, कोहड़ा के बीज की बुआई के लिए काफी उत्तम है. उन्होंने बताया कि बैगन, टमाटर और मिर्च की खेती करने वाले किसानों को भी नर्सरी की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि फसल के बीज की बुआई करते समय बीज के बीच में पर्याप्त दूरी रखना आवश्यक है. एक ही स्थान पर एक से अधिक बीज लगाने से फसल को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है और जड़ें कमजोर होती हैं.

गोबर से बेड करें तैयार, बंपर होगा उत्पादन
उन्होंने बताया कि बीज से बिचड़ा तैयार होने पर इसे खेतों में अलग-अलग स्थान पर लगाएं. बेहतर पैदावार के लिए फसलों का बेड तैयार करें, जिसमें जमीन के नीचे पुरानी गोबर का लेयर तैयार करें. इसके बाद पौधे से पौधे की दूरी 45 से 50 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 50 सेंटीमीटर रखते हुए सीधी लाइन में रोपाई करनी चाहिए. वैज्ञानिक तरीके से खेती करने से किसानों को कम लागत में बेहतर मुनाफा होता है.

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