Republic day 2025 Is eating tricolour food or cutting tricolour cake also an insult to national flag


Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस नजदीक आते ही सड़कों और दुकानों पर तिरंगे बिकना शुरू हो गए हैं. स्कूल-कॉलेजों से लेकर दफ्तरों तक में इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं. यहां तक कि आम आदमी भी अपने तरीके से देशभक्ति का इजहार करना चाह रहा है. ऐसे में यह ध्यान रखना जरूरी है कि हम जाने-अनजाने में भी राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे का अपमान न करें. ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है और भारतीय ध्वज संहिता में इसके लिए नियम-कायदे भी बताए गए हैं.  

आपने देखा होगा कि कई मिठाई की दुकानों पर 26 जनवरी या 15 अगस्त के मौके पर ट्राईकलर रंग की मिठाईयां मिलना शुरू हो जाती हैं. ऐसे में कभी आपके भी मन में यह सवाल आया है कि क्या ट्राईकलर रंग की मिठाईयां या खाना खाने से तिरंगे का अपमान होता है? अगर हां तो इसके लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत सजा का क्या प्रावधान है? 

अहम है मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

ट्राईकलर रंग की मिठाईयां या इस रंग के खाने के बारे में जानने से पहले हमें मद्रास हाईकोर्ट के एक अहम फैसले के बारे में जान लेना चाहिए. दरअसल, मार्च 2021 में मद्रास हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि तिरंगे पर अशोक चक्र की डिजाइन वाला केक काटना तिरंगे का अपमान नहीं है और न ही यह देशद्रोह की श्रेणी में आता है. यह मामला 2013 का था, जिसमें क्रिसमस डे सेलिब्रेशन के दौरान तिरंगे की डिजाइन वाला केक काटा गया था. अदालत ने इस मामले में कहा था कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक देशभक्ति का पर्यायवाची नहीं है, ठीक उसी तरह केक काटना कोई असंगत काम नहीं है. अदालत के इस फैसले से साफ है कि ट्राईकलर रंग का केक, मिठाईयां या फिर अन्य खाना खाने को तिरंगे का अपमान नहीं माना जाएगा और यह अपराध की श्रेणी में भी नहीं आता है. बता दें, इससे पहले 2007 में भी क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर तिरंगे रंग का केक काटने के बाद विवादों में फंसे थे, जिसके बाद उन्हें नोटिस भी जारी हुआ था. इतना ही नहीं सोनिया गांधी के जन्मदिन पर भी कांग्रेसियों के द्वारा तिरंगा जैसा केक काटने पर विवाद हुआ था. 

इन बातों का रखना चाहिए ध्यान

  • तिरंगे को शैक्षिक संस्थानों या घरों पर किसी भी अवसर पर फहराया जा सकता है. हालांकि, तिरंगे को हमेशा सम्मानजनक स्थान दिया जाना चाहिए और उसे स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए.
  • राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए.
  • क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त तिरंगे का इस्तेमाल करने पर मनाही है  
  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यपाल को छोड़कर किसी के भी वाहन में तिरंगा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
  • तिरंगे को अन्य झंडों के साथ नहीं फहरना चाहिए और न ही इसे अन्य झंडों के साथ रखना चाहिए.
  • राष्ट्रीय ध्वज पर कुछ भी लिखा और छपा नहीं होना चाहिए.  

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