Rupay Prepaid Forex Card To Be Issued By Banks, What Experts Have To Say


बैंकों को मिली 'रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड' जारी करने की अनुमति, जानें बैंकिंग एक्सपर्ट बता रहे हैं क्या फायदे

Rupay Prepaid Forex card से होगा फायदा.

नई दिल्ली:

देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने आज अपनी तिमाही मौद्रिक नीति की घोषणा की और प्राइम लेंडिंग रेट में कोई बदलाव नहीं किया. इसी के साथ आरबीआई ने ई-रुपया वाउचर (E-rupay Voucher) के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि अब गैर-बैंकिंग कंपनियों को भी इस तरह के साधन (ई-रुपया वाउचर) जारी करने की अनुमति दी जाएगी. आरबीआई ने बैंकों को ‘रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड'(Rupay Prepaid Forex card) जारी करने की अनुमति भी दी है.

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रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड का फायदा उन लोगों को होगा जो विदेश यात्रा पर जाते हैं. इस बारे में घोषणा करते हुए आरबीआई को गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रुपे डेबिट कार्ड और रुपे क्रेडिट कार्ड का विदेश में काफी इस्तेमाल होने लगा है. यह फैसला रुपे कार्ड के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलन को बढ़ाने के लिए लिया गया था. 

रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड से क्या होगा और इससे लोगों का क्या फायदा होगा. इस बारे में बैंकिंग एक्सपर्ट संजय कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि फिलहाल अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के लिए लोगों को वीसा या मास्टरकार्ड का प्रयोग करना होता है. यानि देशवासियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेमेंट लेन-देन के लिए कमीशन देना होता है और विदेश बैंकों के पास जाता है.  यदि कोई भारत का अपना फॉरेक्स कार्ड होता है और उसका प्रयोग होता है तो इससे कमीशन देश के बैंक को ही मिलेगा. ऐसे देश में जहां यह कार्ड मान्य होगा वहां पर भारतीय लोग देश से ही पूरी  तैयारी के साथ जा सकेंगे.

उन्होंने कहा कि जहां तक रुपे प्रीपेड फॉरेक्स कार्ड की बात है तो फिलहाल यह उन देशों में कामयाब रहेगा जहां पर भारत सरकार के साथ रुपये लेन-देन को लेकर वहां की सरकार में समझौता हो चुका है. जिन देशों में यह समझौता नहीं हुआ है वहां पर इस कार्ड का प्रयोग फिलहाल नहीं हो पाएगा. वैसे सरकार कई देशों के साथ इस बारे में बात कर रही है और जिन देशों के साथ आगे बात बन जाएगी वहां पर इस कार्ड का प्रयोग किया जा सकेगा. 

कुमार ने बताया कि नॉन बैंकिंग क्षेत्र में ई-रुपया वाउचर के दायरे को बढ़ाने से इसका इस्तेमाल और बढ़ जाएगा. फिलहाल चुनिंदा कामों के लिए इसका प्रयोग हो रहा था. अब इसका दायरा बढ़ जाएगा. इससे एक बात और साफ है कि डिजिटल लेन-देन का दायरा भी दिनोंदिन बढ़ता जाएगा. इसके साथ सरकार भी ई-रुपया वाउचर का प्रयोग करने वालों का बेस भी बढ़ाना चाहती है. 



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