Russia Election Commission Hailed Record Results For President Vladimir Putin With No Opposition – व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार बने रूस के राष्ट्रपति, बिना किसी विपक्षी नेता के चुनाव में मिले 88% वोट
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रूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि करीब 100 फीसदी क्षेत्रों में पड़े मतों की गिनती कर ली गई है और पुतिन को 87.29 फीसदी वोट मिले हैं. आयोग की प्रमुख एला पैम्फिलोवा ने कहा कि पुतिन के लिए करीब 7.6 करोड़ लोगों ने मतदान किया है, जो उन्हें हासिल अब तक के सबसे ज्यादा वोट हैं.
ये चुनाव में पुतिन की जीत देश की राजनीतिक व्यवस्था पर उनके नियंत्रण को रेखांकित करती है. पुतिन के सामने नाममात्र के सिर्फ तीन उम्मीदवार थे. यूक्रेन युद्ध का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी गयी थी.
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2000 में बने थे पहली बार राष्ट्रपति
बता दें कि व्लादिमीर पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं. वह पहली बार साल 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. 2008 तक वो इस पद पर रहे. 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति मेदवेदेव ने अपनी पार्टी से पुतिन को एक बार फिर राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए नॉमिनेट करने को कहा. इसके बाद 2012 के चुनाव में पुतिन ने जीत हासिल की. तब से अब तक वो राष्ट्रपति पद पर हैं.
2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं पुतिन
रूसी संविधान में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता है. इसके चलते 8 मई 2008 को पुतिन ने अपने पीएम दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद पीएम बन गए. नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया. इसके बाद 2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बन गए. जनवरी 2020 में पुतिन ने संविधान संशोधन के जरिए दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति रहने की सीमा खत्म कर दी. इसी के साथ पुतिन के 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो गया.
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हमारे पास बहुत काम हैं- व्लादिमीर पुतिन
मतदान खत्म होने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने वॉलन्टियर्स से कहा, “हमारे पास बहुत काम हैं, लेकिन मैं सबसे यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जब हम एकजुट थे, तो कोई भी हमें डराने, हमारी इच्छाशक्ति और हमारे आत्म-विवेक को दबाने में कामयाब नहीं हुआ.” उन्होंने कहा, “वे अतीत में नाकाम रहे और वे भविष्य में भी असफल होंगे.”
यूक्रेन में जंग की आलोचना करने पर थी रोक
चुनाव के दौरान पुतिन और यूक्रेन में जंग की सार्वजनिक तौर पर आलोचना करने पर रोक थी. स्वतंत्र मीडिया को पंगु बना दिया गया था. पुतिन (71) के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई. उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं.
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कई राष्ट्राध्यक्षों ने दी बधाई
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और होन्डुरास, निकारागुआ और वेनेजुएला के राष्ट्रपतियों ने पुतिन को उनकी जीत पर बधाई दी. वहीं, सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए मध्य एशियाई देशों- तज़ाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के नेताओं ने भी पुतिन को मुबारकबाद दी है. पश्चिमी देशों ने चुनाव को दिखावटी बताकर खारिज कर दिया.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरून ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर लिखा, “यूक्रेनी क्षेत्र में अवैध तरीके से चुनाव कराने के बाद रूस में चुनाव संपन्न हो गए हैं. चुनाव में मतदाताओं के पास विकल्पों की कमी थी. कोई स्वतंत्र ओएससीई निगरानी भी नहीं थी. यह वैसा नहीं है जैसा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव दिखता है.”
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