Sai Baba Controversy: वाराणसी के बाद अब लखनऊ पंहुचा विवाद, इस मंदिर से साईं प्रतिमा हटाने का ऐलान


हाइलाइट्स

वाराणसी के बाद अब साईं प्रतिमा का विवाद लखनऊ भी पंहुच गया हैहिंदू महासभा ने राजधानी के मंदिरों से साईं प्रतिमा हटाने का ऐलान किया

लखनऊ. वाराणसी के बाद अब साईं प्रतिमा का विवाद लखनऊ भी पंहुच गया है. अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने राजधानी के मंदिरों से साईं प्रतिमा हटाने का ऐलान किया हैं. इसी क्रम में मंगलवार शाम 5 बजे हज़रतगंज स्थित एक मंदिर से साईं प्रतिमा को हटाया जाएगा. साथ ही हिंदू सभा की तरफ से सभी मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटाने के लिए कहा गया है.

गौरतलब है कि रविवार को सनातन रक्षक दल द्वारा वाराणसी के 10 प्रमुख मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटा दिया गया था. सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष का कहना है कि वे साईं विरोधी नहीं है, लेकिन शास्त्रों और पुराणों में साईं प्रतिमा को स्थापित करने का जिक्र नहीं है. साथी मृत व्यक्ति की प्रतिमा मंदिरों में देवी देवताओं के साथ नहीं लगाई जा सकती. उनका कहना था कि एक साजिश के तहत सनातनियों की आस्था से खिलवाड़ करने के लिए चांद मियां की मूर्ति हिंदू मंदिरों में स्थापीर की गई है, जिन्हें ससम्मान हटाया जा रहा हैं. जिसके बाद इस मसले पर सियासत भी शुरू हो गई. समाजवादी पार्टी ने इसे गंगा जमुनी तहजीब को ठेस पहुंचाने वाला बताया.

अयोध्या के संतों ने फैसले का किया स्वागत
हालांकि, अयोध्या के साधु-संतों ने सनातन रक्षक दल के इस कदम का स्वागत किया. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि जिसने भी यह किया है उसे साधुवाद. मंदिर में डीएवी देवताओं के अलावा किसी भी मृत व्यक्ति की मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि साईं बाबा फ़कीर हैं भगवान नहीं हैं. फकीरों की मजार बनती है, उन्हें मंदिर में स्थापित नहीं किया जा सकता.

FIRST PUBLISHED : October 2, 2024, 15:15 IST



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