Sanjeev Maheswari Jeeva Lucknow Court Murder How Long Does A Person Die After Being Shot
Gun Shot: हाल ही में लखनऊ के कैसरबाग कोर्ट के परिसर में गैंगस्टर संजीव महेश्वरी जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. लड़ाई-झगड़ों में लाठी डंडे या गोली चलने ने मामले अक्सर समाचार में आते रहते हैं. कई मामलों में गोली लगने वाला बच जाता है तो अक्सर सिर या छाती में गोली लगने वाले मामलों में शख्स की मौत भी हो जाती है. यूं तो आपने कई किस्से ऐसे भी सुने होंगे जब कई गोलियां लगने के बाद शख्स जिंदा बच गया होगा. लेकिन सिर या छाती में (दिल या उसके आसपास) गोली लगने पर मामला अधिकतर सीरियस रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं अगर किसी शख्स के सीधे सिर या दिल में गोली लग जाए तो वह कितनी देर तक जिंदा रह सकता है.
असल, में यह कई स्थितियों पर निर्भर करता है कि शरीर में गोली लगने पर इंसान कितनी देर तक जिंदा रह सकता है. गोली शरीर के किस हिस्से पर लगी है, कितना खून बहा और कितनी देर बाद उसको इलाज मिला. लेकिन, कुछ बॉडी पार्ट्स इतने सेंसिटिव होते हैं कि वहां गोली लगने के बाद इंसान का बचना मुश्किल होता है.
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गोली लगने पर क्या होता है?
गोली शरीर को भेदते समय पहला काम कोशिकाओं को बुरी तरह फाड़ने का करती है. यह काम करते हुए गोली शरीर में एक सुरंग की तरह रास्ता बनाते हुए अंदर घुसती जाती है. इस बीच अपने रास्ते में आने वाली हर मांसपेशी, नब्ज-नाड़ी और यहां तक कि हड्डी को भी यह नष्ट कर देती है. हालांकि, कई बार हड्डी की मजबूती इसे रोक लेती है. शरीर के गोली लगे हिस्से से खून बहना शुरू हो जाता है. अगर खून ज्यादा बह जाता है तो इंसान की मौत भी हो जाती है.
गोली से शरीर में फैलता है जहर!
बूलेट में कैल्शियम सिलिकेट, लेड जैसे कई खरतनाम तत्व होते हैं. कई बार तो जब बुलेट का बारूद भी पूरी तरह से जल नहीं पाता तो यह भी गोली के साथ शरीर में प्रवेश कर जाता है. इन सबसे बॉडी में जहर फैलने लगता है और समय से इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर होती जाती है.
गोली लगने के कितने समय बाद मौत हो जाती है?
हमारी बॉडी में दो तरह के अंग रहते हैं. पहले नॉन-वाइटल आर्गन और दूसरे वाइटल आर्गन. जब बाहरी अंगों जैसे हाथ या पैर आदि पर गोली लगती है तो बचने की संभावना अधिक रहती है. लेकिन वाइटल आर्गन पर गोली लगना खतरनाक होता है. लीवर, किडनी और सीने के आसपास मोटी खून की नलियां आदि इनमें शामिल हैं. अगर इन ऑर्गन में गोली लगने के कुछ ही मिनटों में इलाज नहीं मिला तो बचने की गुंजाइश बहुत कम रह जाती है.
सिर या दिल में गोली लगे तो…
अगर बात करें दिल और सिर (दिमाग) में गोली लगने की तो इन अंगों में गोली लगने की बाद बचने की संभावना बहुत की कम हो जाती है. आपने फिल्मों या फिर सोशल मीडिया पर वायरल विडियोज में देखा भी होगा की सिर या सीधे दिल पर गोली लगते ही इंसान नीचे गिर पड़ता है और देखते ही देखते कुछ ही सेकंड्स में दम तोड देता है. दिल या दिमाग में गोली लगने के सिर्फ तीन से चालीस सेकंड्स के भीतर ही इंसान की मौत हो जाती है.