Sawan Somvar 2023 Date: सावन का पहला सोमवार कब है? इस साल अधिक बरसेगी शिव कृपा, जान लें पूजा विधि और महत्व



Sawan Somvar Vrat 2023 Date Sawan Somvar 2023 Date: सावन का पहला सोमवार कब है? इस साल अधिक बरसेगी शिव कृपा, जान लें पूजा विधि और महत्व

हाइलाइट्स

श्रावण कृष्ण प्रतिपदा तिथि 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शुरू हो रही है.
सावन सोमवार व्रत 10 जुलाई, 17 जुलाई, 21 अगस्त, 28 अगस्त को है.
सावन अधिक मास सोमवार व्रत 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त को है.

इस साल सावन माह का प्रारंभ 4 जुलाई 2023 दिन मंगलवार से हो रहा है. सावन के पहले दिन मंगला गौरी व्रत है. सावन का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. इस साल 8 सावन सोमवार व्रत हैं. 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि सावन सोमवार के 8 व्रत रखे जाएंगे. इसका कारण है सावन माह में लगने वाला अधिक मास. श्रावण मास में सावन सोमवार के 4 और सावन अधिक मास के 4 सोमवार व्रत होंगे. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बता रहे हैं कि इस साल श्रावण मास में सावन सोमवार व्रत कब-कब हैं?

श्रावण मास 2023 कब शुरू होगा?
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 जुलाई सोमवार को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शुरू हो रही है और 4 जुलाई मंगलवार को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा. उदयातिथि के आधार पर श्रावण मास का शुभारंभ 4 जुलाई से होगा. श्रावण 2023 का समापन 31 अगस्त दिन गुरुवार को होगा. श्रावण अधिक मास 2023 18 जुलाई से लेकर 16 अगस्त तक है.

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सावन सोमवार व्रत कैलेंडर 2023
सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई 2023
सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई 2023
सावन का तीसरा सोमवार: 21 अगस्त 2023
सावन का चौथा सोमवार: 28 अगस्त 2023

सावन अधिक मास का पहला सोमवार: 24 जुलाई 2023
सावन अधिक मास का दूसरा सोमवार: 31 जुलाई 2023
सावन अधिक मास का तीसरा सोमवार: 7 अगस्त 2023
सावन अधिक मास का चौथा सोमवार: 14 अगस्त 2023

इस साल सावन सोमवार व्रत 10 जुलाई, 17 जुलाई, 21 अगस्त, 28 अगस्त को है. बीच में सावन अधिक मास का सोमवार व्रत 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त को है. दरअसल श्रावण अमावस्या के समापन के बाद श्रावण अधिक मास शुरू हो रहा है, जो 31 अगस्त तक रहेगा. ऐसे में सावन के पहले दो सोमवार व्रत जुलाई में और बाकी दो व्रत अगस्त में पड़ेंगे. सावन के दूसरे सोमवार के बाद सावन अधिक मास के सोमवार व्रत प्रारंभ होंगे. इन चार व्रतों के खत्म होने के बाद सावन के अंतिम दो सोमवार व्रत आएंगे.

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सावन सोमवार व्रत का महत्व
सावन सोमवार व्रत रखने से विवाह के योग बनते हैं. इस व्रत को करने से माता पार्वती को शिवजी पति स्वरूप में प्राप्त हुए. इस वजह से मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखा जाता है. इसके अलावा शिव कृपा प्राप्ति के लिए सावन सोमवार व्रत रखते हैं.

सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि
जो लोग सोमवार व्रत पूरे साल रखना चाहते हैं, वे सावन के पहले सोमवार से इसकी शुरूआत कर सकते हैं. सावन सोमवार व्रत के नियमों का पालन करते हुए शिव पूजा करते हैं. शिव जी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, गाय का दूध, गंगाजल, भस्म, अक्षत्, फूल, फल, नैवेद्य आदि चढ़ाते हैं. सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करते हैं. शिव चालीसा, शिव रक्षा स्तोत्र पढ़ते हैं. शिव मंत्रों का जाप करते हैं. सावन के सभी सोमवार व्रत रखना चाहिए. इससे आपकी मनोकामना पूरी होगी.

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