SDM Promotion Which post can an SDM reach by the time he retires know the journey from the first post to retirement
एक बार आईएएस बन जाओ, जिंदगी सफल हो जाएगी.’ करियर चुनने से पहले अकसर बड़े-बुजुर्ग अपने बच्चों को ये जरूर सलाह देते है. भले ही आईएएस अफसर (IAS) बनना सबकी बस की बात नहीं होती, लेकिन इसका बनने का सपना अधिकांश युवाओं का होता है.
हालांकि, इस सपने को बहुत ही कम युवा सच कर पाते हैं, क्योंकि इस परीक्षा को क्रैक करने का सफर बहुत कठिन होता है. यहीं कारण है कि इसे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इसमें चयन के बाद पहली पोस्टिंग एसडीएम के रूप में होती है. इसके बाद धीरे-धीरे प्रमोशन मिलता है. आइए जानते हैं, एसडीएम की प्रमोशन और पोस्ट से जुड़ी जानकारियां.
सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (SDM) के रूप में कार्य करने वाले अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अंतर्गत आते हैं. एक SDM की प्रारंभिक नियुक्ति आमतौर पर राज्य सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होती है. जब एक व्यक्ति SDM के रूप में कार्य करता है, तो उसके पास विभिन्न प्रशासनिक जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे कानून व्यवस्था बनाए रखना, राजस्व प्रशासन और विकास कार्यक्रमों का संचालन.
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पदोन्नति की प्रक्रिया
- सामान्यतः एक SDM अपनी सेवा के दौरान निम्नलिखित पदों तक पहुंच सकता है.
- सहायक कलेक्टर: यह प्रारंभिक स्तर होता है, जहां SDM को जिला प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलता है.
- कलेक्टर: यदि एक SDM अपनी सेवाओं में उत्कृष्टता दिखाता है और अनुभव प्राप्त करता है, तो उसे कलेक्टर के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है. कलेक्टर जिला स्तर पर प्रशासन का प्रमुख होता है.
- जिला मजिस्ट्रेट: यह एक उच्चतर पद होता है, जिसमें अधिकारी को पूरे जिले की प्रशासनिक गतिविधियों का संचालन करना होता है.
- अतिरिक्त सचिव या सचिव: कुछ अधिकारियों को राज्य सरकार में अतिरिक्त सचिव या सचिव के रूप में भी नियुक्त किया जा सकता है, जो कि उच्चतम स्तर की प्रशासनिक भूमिकाएं होती हैं.
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रिटायरमेंट के बाद संभावनाएं
रिटायरमेंट के बाद भी, कई पूर्व SDMs को विभिन्न आयोगों, न्यायाधिकरणों या सार्वजनिक क्षेत्र के बोर्डों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जा सकती हैं. उदाहरण स्वरूप, उन्हें राज्यपाल या उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों पर भी नियुक्त किया जा सकता है. इस प्रकार, एक SDM अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित पदों तक पहुंच सकता है और रिटायरमेंट के बाद भी सम्मानित भूमिकाओं में कार्यरत रह सकता है.
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