Sebi Notifies Disclosure Rules Asks Top 100 Listed Companies To Confirm Or Deny Market Rumour From Oct 1 Know Details


SEBI ने टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों को दिया आदेश, 1 अक्टूबर से मीडिया में आने वाली अफवाहों पर देनी होगी सफाई

SEBI के मुताबिक, टॉप 250 लिस्टेड इकाइयों के लिए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू होंगे

नई दिल्ली:

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों को मेनस्ट्रीम मीडिया में खबरों में आई किसी भी बाजार की अफवाह की पुष्टि, इनकार या उस पर सफाई देने को कहा है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट रेगुलेटर ने इसको लेकर में नियमों को नोटिफाई किया है. जिसके मुताबिक, टॉप 100 लिस्टेड कंपनियों को 1 अक्टूबर से मीडिया में आने वाली अफवाहों पर सफाई देनी होगी.

इसके अलावा टॉप 250 लिस्टेड इकाइयों के लिए नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू होंगे.मार्केट रेगुलेटर सेबी  ने एक नोटिफिकेशन में ये जानकारी दी है.

मीडिया में खबर आने के 24 घंटों के भीतर देनी होगी सफाई

इन कंपनियों को मेनस्ट्रीम मीडिया में आई किसी जानकारी या रिपोर्टेड इवेंट की पुष्टि, इनकार या सफाई देनी होगी, जो सामान्य नहीं है और जो संकेत देता है कि किसी मामले को लेकर निवेशकों के बीच अफवाह फैलाई जा रही है. इन अफवाहों की खबर मिलने के 24 घंटों के भीतर कंपनियों को ये कदम उठाना होगा.

इन शेयरधारकों पर सेबी की नजर

लिस्टेड इकाइयों में कॉरपोरेट गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए सेबी उन शेयधारकों के मुद्दे का समाधान करने के लिए फ्रेमवर्क लेकर आया है, जो लगातार स्पेशल राइट्स का फायदा ले रहे हैं. किसी बड़ी इकाई के शेयरधारकों को कोई स्पेशल राइट एक शर्त पर ही मिलेगा. इसके लिए स्पेशल राइट मिलने की तारीख से लेकर हर पांच साल में एक बार शेयरधारकों को जनरल मीटिंग में स्पेशल रेजोल्यूशन के जरिए मंजूरी देनी होगी. पब्लिक इंस्टीट्यूशनल शेयरहोल्डर्स लगातार उन कंपनियों के प्रमोटर्स, फाउंडर्स और उन कंपनियों की कुछ बॉडी कॉरपोरेट को दिए गए स्पेशल राइट्स के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं.

सेबी ने जिक्र किया कि शेयरधारकों के एग्रीमेंट को इस तरीके से ड्राफ्ट किया जाता है कि वो स्पेशल राइट्स उन इकाइयों में उनकी होल्डिंग में कमी आने के बावजूद भी बने रहेंगे. इसकी वजह से शेयरधारकों को लगातार ऐसे स्पेशल राइट्स का फायदा लेने की इजाजत मिल जाती है, जो निवेशक की कंपनी में होल्डिंग और राइट्स का सही अनुपात होने के सिद्धांत के खिलाफ है.

कंपनी के बोर्ड में शामिल डायरेक्टर के लिए नई शर्त

इसके साथ रेगुलेटर ने कहा है कि किसी लिस्टेड कंपनी के बोर्ड में नियुक्त सभी डायरेक्टर्स को पीरियोडिक शेयरहोल्डर्स की मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरना होगा. इससे डायरेक्टर को बोर्ड में बने रहने का अधिकार मिलेगा. रेगुलेटर ने माइनोरिटी शेयरहोल्डर्स के हितों की सुरक्षा के लिए एग्रीमेंट फ्रेमवर्क की स्कीम के बाहर की गई स्लंप सेल्स के लिए फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए नियम जारी किए हैं.

जुर्माने के भुगतान में डिफॉल्ट का करना होगा खुलासा

इसके अलावा सेबी ने लिस्टेड इकाइयों को डायरेक्टर्स या सीनियर मैनेजमेंट द्वारा फ्रॉड और डिफॉल्ट का खुलासा करने के लिए कहा है. लिस्टेड इकाइयों को जुर्माने के भुगतान या किसी रेगुलेटरी, स्टैचुअरी, एंफोर्समेंट या न्यायिक प्राधिकरण को किसी बकाये के भुगतान में डिफॉल्ट का खुलासा करने के लिए कहा है. सेबी ने ये भी कहा है कि चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, मैनेजिंग डायरेक्टर और होल टाइम डायरेक्टर की वैकेंसी को ऐसी वैकेंसी आने के तीन महीनों के अंदर भरना होगा.



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