Shimla Sanjauli Masjid Case: BJP के मंत्री के घर से चंद कदम दूर थी मस्जिद, जयराम राज में भी हुआ अवैध निर्माण, शिमला मस्जिद विवाद में घिरी भाजपा
शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद विवाद में सुक्खू सरकार बैकफुट पर है. सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयानों से प्रदेश सरकार असहज हुई है. लगातार भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है. लेकिन अब भाजपा खुद इस मुद्दे पर घिर गई है. क्योंकि भाजपा सरकार में भी मस्जिद में अवैध निर्माण होता रहा. 2017 में भाजपा सरकार सत्ता में आई थी और जयराम मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन इसके बाद भी संजौली मस्जिद में अवैध मंजिलें बनाई गई. अब सीएम सुक्खू के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी भाजपा को घेरा है.
दरअसल, संजौली में जिस जगह यह मस्जिद है, वहां, चंद कदम दूर जयराम सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे और शिमला शहर से विधायक सुरेश भारद्वाज का घर है. उन्होंने तो मस्जिद के इमाम को बदलने के लिए अपना डीओ नोट जारी किया था और वक्क बोर्ड को ये पत्र लिखा था. सुरेश भारद्वाज ने इमाम के बारे में शिकायत की थी कि उन्हें धर्म और नमाज के बारे में जानकारी नहीं है. अब विक्रमादित्य सिंह ने भी सुरेश भारद्वाज का डीओ नोट शेयर किया है.
2010 से होता रहा निर्माण
शिमला में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर 2010 में पहली बार शिकायत हुई. इसके बाद 2012 में भी निर्माण हुआ. 2015 से 2018 के बीच भी निर्माण होता रहा. जबकि नोटिस दिया जा चुका था. नगर निगम के अलावा, प्रदेश सरकार भी सोती रही. इस दौरान कांग्रेस, भाजपा और अब फिर से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. निगम निगम पर माकपा, भाजपा और कांग्रेस के मेयर रहे. लेकिन सब कुंभकर्णी नींद सोए रहे. भाजपा की मेयर सत्या कौंडल का तो घर भी मस्जिद से ज्यादा दूर नहीं है.
2017 से 2022 तक भाजपा सरकार में मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज का डीओ नोट.
इस मामले पर कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का डीओ नोट पोस्ट किया और लिखा कि संजौली मस्जिद के इमाम की ट्रांसफर को लेकर जय राम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहते हुए सुरेश भारद्वाज ने सिफारिश की थी. संजौली मस्जिद में नमाजियों की परेशानी का भी जिक्र किया था और मस्जिद इमाम को ट्रांसफर करने कते लिए डीओ नोट भेजा था. विक्रमादित्य सिंह ने लिखा कि भाजपा के मंत्री ख़ुद पैरवी करते हैं और आरोप सरकार पर लगाते हैं. हमने साफ़ कहा है कि अगर कोर्ट में अवैध घोषित होती हैं तो कार्यवाही 100% होगी.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 15:20 IST