Shiv Puja: 4 जून को बन रहा शिव पूजा का अद्भुत संयोग, मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ, लेकिन पूजन समय है अलग-अलग – auspicious coincidence of Shiv Puja made on 4th June 2024 masik shivratri Pradosh Vrat together know puja muhurat


इस साल 4 जून मंगलवार का दिन बेहद खास है क्योंकि इस दिन शिव पूजा का अद्भुत संयोग बन रहा है. 4 जून को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ हैं. इस दिन आप व्रत और पूजा करके भगवान ​भोलेनाथ की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं. प्रदोष व्रत हर माह​ की त्रयोदशी तिथि को रखते हैं, जबकि मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, 4 जून को ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि और भौम प्रदोष के साथ शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं. शिवरात्रि और प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त अलग-अलग हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

4 जून को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत साथ
सबसे पहले बात करते हैं भौम प्रदोष व्रत की. ज्येष्ठ और जून का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा जाएगा क्योंकि ज्येष्ठ के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून को 12:18 एएम से 4 जून को रात 10:01 पीएम तक है. इस व्रत का निर्धारण प्रदोष काल के मुहूर्त से होता है, इसलिए प्रदोष व्रत का प्रदोष काल 4 जून को है तो व्रत भी उस दिन ही रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: 31 मई से इन 5 राशिवालों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, बुध गोचर से बढ़ेंगे शत्रु, कर्ज, खराब सेहत करेगी परेशान!

मासिक शिवरात्रि के लिए ज्येष्ठ कृष्ण चतुर्दशी तिथि 4 जून की रात 10:01 पी एम से शुरू होगी और यह 5 जून को 07:54 पी एम तक मान्य है. शिवरात्रि व्रत के लिए निशिता काल पूजा मुहूर्त की मान्यता है, जो 4 जून की रात ही प्राप्त हो रही है. 5 जून को शाम में ही चतुर्दशी तिथि खत्म हो जाएगी. ऐसे में ज्येष्ठ की मासिक शिवरात्रि भी 4 जून को मनाई जाएगी.

मासिक शिवरात्रि और प्रदोष का पूजा मुहूर्त अलग-अलग
अब यह तय है कि मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत 4 जून को एक ही दिन रखा जाएगा, लेकिन शिव पूजा का समय अलग-अलग है. प्रदोष व्रत की पूजा का समय शाम 07:16 पी एम से रात 09:18 पी एम तक है, वहीं मासिक शिवरात्रि की निशिता काल पूजा का समय 11:59 पीएम से 12:40 एएम तक है.

ये भी पढ़ें: 6 जून को सबके दुख हरेंगे शनि देव! ज्येष्ठ अमावस्या का दिन है बेहद खास, जानें शनि जयंती मुहूर्त, पूजा विधि

इस समय करें शिव पूजा
इस दिन दोनों ही व्रत शिव जी के ही हैं. ऐसे में आप प्रदोष व्रत और शिवरा​त्रि की पूजा शाम के समय में करें. शिवरात्रि की पूजा आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष की पूजा सूर्यास्त के बाद करते हैं. इस स्थिति में आप शिवरात्रि और प्रदोष दोनों की पूजा साथ करना चाहते हैं ​तो 4 जून को 07:16 पीएम से रात 09:18 पीएम के बीच कर लें.

4 जून को शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग
4 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग रात में 10:35 बजे से लेकर 5 जून को 05:23 एएम तक बना रहेगा. वहीं शोभन योग प्रात:काल से सुबह 06:12 बजे तक है.

Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Religion



Source link

x