Shiva used to use knife blade at playing age, PM has been doing it since 16 years – News18 हिंदी


मोहन ढाकले/बुरहानपुर:- 15 साल की उम्र अपने परिवार रिश्तेदार और दोस्तों के साथ खेलने की होती है. लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक युवक ऐसा भी है, जिसने 15 साल की उम्र में ही हाथों में ब्लेड और चाकू ले लिया. कई बार जाने-अनजाने में भी लोगों को ऐसे प्रोफेशन चुनने पड़ते हैं, जिसे हम सामाजिक स्थानों पर खुलकर बोल नही पाते. ऐसी ही एक युवक शिवा की कहानी है, जिसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे.

मध्य प्रदेश के शिवा ने 18 साल का होते-होते पोस्टमार्टम करना शुरू कर दिया. बालिग होते ही उसने जिला अस्पताल में काम करना शुरू कर दिया था. पिता से उसने यह काम सीखा और अब पिछले 16 वर्षों से जिला अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं. युवक रोजाना करीब 2 से 3 पोस्टमार्टम करते हैं. पुलिस केस के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट की आवश्यकता होती है. इसलिए मृतकों का पोस्टमार्टम कराया जाता है.

पोस्टमार्टम करने वाले युवक ने दी जानकारी
जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले शिवा चनाले से जब लोकल18 की टीम ने बात की, तो उन्होंने बताया कि मैं 15 साल की उम्र में अपने पिता किशोर चनाले से पोस्टमार्टम करना सीख गया था. पिता ने जिला अस्पताल में 40 साल तक इसकी सेवा दी है. पिता की मृत्यु के बाद भाई संतोष पोस्टमार्टम करते थे. उनकी मौत के बाद में तीसरी पीढ़ी में मैंने ये जिम्मेदारी उठाई है और मुझे ये काम करते हुए 16 साल हो गए हैं. मैं जिला अस्पताल में रोजाना दो से तीन मृतकों का पोस्टमार्टम करता हूं. जब बच्चों का पोस्टमार्टम करने की बारी आती है, तो मेरे भी हाथ कांपने लग जाते हैं. यह दृश्य देख मैं भी घबरा जाता हूं. लेकिन मेरी रोजी-रोटी होने के कारण मैं यह काम करता हूं. शिवा की उम्र 32 वर्ष है और16 साल में उन्होंने करीब 3000 पोस्टमार्टम किए हैं.

पोस्टमार्टम रूम से नहा कर निकलते हैं बाहर
जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करने वाले शिव का कहना है कि मैं सावधानी से पोस्टमार्टम करता हूं और सावधानी के साथ ही पोस्टमार्टम रूम से बाहर निकलता हूं. मेरे द्वारा जब भी पोस्टमार्टम किया जाता है, मैं उसके बाद डेटॉल और साबून से हाथ धोता हूं और नहाकर पोस्टमार्टम रूम से बाहर आता हूं. मेरे परिवार में दो बेटा-बेटी हैं, जिसमें बेटा लक्की और बेटी काव्या पढ़ाई करते हैं. मैं घर पर पहुंचता हूं, तो वह मेरे गले लग जाते हैं. इसलिए मुझे सावधानी बरतना जरुरी होता है.

शिवा का कहना हे कि अभी तक मुझे ठेका श्रमिक के रूप में 7000 रुपए माह वेतन दिया जाता है. उन्हें परमानेंट किया जाए, इसकी शिवा ने मांग की है.

Tags: Local18, Madhya pradesh news, Mp news, Postmartem



Source link

x