Siddaramaiah Requests Eknath Shinde To Release Water From Maharashtra Dams For Karnataka
Karnataka Water Demand: कर्नाटक के कुछ जिलों में पानी की स्थिति विकट हो गई है. कर्नाटक में कृष्णा नदी का तल सूख जाने से सीमावर्ती गांव प्यासे हैं. यही कारण है कि कर्नाटक को पानी के लिए महाराष्ट्र पर निर्भर रहना पड़ता है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र लिखकर कोयना बांध से अतिरिक्त तीन टीएमसी पानी कृष्णा नदी में छोड़ने का अनुरोध किया है.
उत्तरी कर्नाटक के कई जिले तेज गर्मी के कारण मार्च 2023 से पानी की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. कर्नाटक सरकार की ओर से कोयना बांध से ‘तीन टीएमसी’ पानी कृष्णा नदी में और ‘तीन टीएमसी’ पानी उजानी बांध से भीमा नदी में छोड़ने का अनुरोध किया गया है. सिद्धारमैया ने अपने पत्र में कर्नाटक के उत्तरी जिलों में पड़ रही भीषण गर्मी का भी जिक्र किया है.
तुरंत पानी छोड़ने की मांग
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा, “बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, कलबुर्गी, यादगिरि और रायचूर जैसे उत्तरी कर्नाटक के जिले मार्च, 2023 से भीषण गर्मी के कारण पेयजल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं. यहां के लोगों को घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी की जरूरत होती है.” उत्तर कर्नाटक में अभी मानसून की शुरुआत नहीं हुई है, इसलिए इस अर्जी में मांग की गई है कि महाराष्ट्र तुरंत पानी छोड़े.
बेलगाम-बागलकोट को पानी देता है महाराष्ट्र
बता दें कि हर साल महाराष्ट्र मानवीय दृष्टिकोण से बेलगाम और बागलकोट जिलों के सीमावर्ती गांवों को पानी उपलब्ध कराता है. बेलगाम सीमा मुद्दे को लेकर दोनों राज्यों में अक्सर विवाद होता रहता है. पानी की कमी के कारण कृष्णा नदी के जल संसाधनों को दोनों राज्यों की आपसी सहमति से संरक्षित किया जाता है. अगर कर्नाटक को गर्मियों में इसकी जरूरत होती है तो महाराष्ट्र उसे कृष्णा का पानी देता है.
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