Sisamau Upchunav: तो सीसामऊ सीट पर रुक सकता है उपचुनाव, हाईकोर्ट में आज है इस मामले में अहम सुनवाई


हाइलाइट्स

सपा के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज इरफ़ान सोलंकी को राहत मिलती है तो सीसामऊ सीट पर उपचुनाव रुक सकता है इरफान सोलंकी ने स्पेशल कोर्ट से मिली 7 साल की सजा को चुनौती दी है

प्रयागराज. कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की जमानत याचिका और सजा के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में यूपी सरकार वादी पक्ष की अपीलों पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से यह आपत्ति की गई कि सीआरपीसी के तहत अपील दाखिल की गई है, जबकि जुलाई में नया कानून लागू हो गया है. जिस पर कोर्ट ने याची अधिवक्ता को अपील में संशोधन करने का आदेश दिया है. बुधवार सुबह 10 बजे इस मामले में फिर सुनवाई होगी. याची अधिवक्ता की ओर से अपील में संशोधन अर्जी दाखिल की जाएगी. अगर इस मामले में इरफ़ान सोलंकी की सजा पर रोक लगती है तो सीसामऊ सीट पर हो रहे उपचुनाव को रोकना पड़ेगा. क्योंकि इरफ़ान सोलंकी की सदस्यता बहाल हो जाएगी. आगजनी मामले में 7 साल की सजा पाने की वजह से ही उनकी सदस्यता गई थी और इसी वजह से इस साइट पर  20 नवंबर को उपचुनाव होना है.

मंगलवार को इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की सजा के खिलाफ अपील व ज़मानत पर दोनों पक्षों की बहस हुई. राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ़ इंडिया केएम नटराजन ने बहस की. अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने भी सरकार का पक्ष रखा. वहीं याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बहस की. यह सुनवाई जस्टिस राजीव गुप्ता और जस्टिस विपिन दीक्षित की डिवीजन बेंच में हुई.

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एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है 7 साल की सजा 
गौरतलब है कि इरफान सोलंकी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को जमानत पर 10 दिन के भीतर सुनवाई का निर्देश दिया था. सोलंकी बंधुओं पर कानपुर की एक महिला का घर जलाने के केस में अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है, जिसे उन्होंने अपील में चुनौती दी है. सात साल की कैद की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग में राज्य सरकार ने भी शासकीय अपील दाखिल की है. कानपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इरफान व अन्य को सात साल की सजा सुनाई है. अपील के लंबित रहने के दौरान ज़मानत पर रिहा करने की भी मांग की गई है.

इरफ़ान सोलंकी की सदस्यता हो चुकी है रद्द
उधर राज्य सरकार ने षड्यंत्र केस में सोलंकी को स्पेशल कोर्ट द्वारा बरी करने के आदेश को भी चुनौती दी है. 7 साल की सजा मिलने की वजह से इरफान सोलंकी की विधानसभा की सदस्यता निरस्त हो चुकी है. उनकी सीसामऊ सीट पर उपचुनाव हो रहा है. हाईकोर्ट से अगर सजा पर रोक लगती तो अभी भी उपचुनाव रुक सकता है. ऐसे में इरफान सोलंकी की विधानसभा सदस्यता भी बहाल हो सकती है. इरफान सोलंकी के साथ ही इस मामले में सजा पाने वाले उनके भाई रिजवान सोलंकी ने भी दाखिल कर रखी है याचिका। भाई रिजवान सोलंकी की याचिका में भी वही मांगे दोहराई गई हैं. इसी केस में एक अन्य अभियुक्त याकूब की ओर से भी अर्जी दाखिल की गई है. हाईकोर्ट सभी चारों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है.

इस मामले में हुई है सजा
इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और याकूब पर कानपुर की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा नाम की महिला के घर आगजनी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था. कानपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने इसी साल 7 जून को समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी. यूपी की महाराजगंज जिला जेल में बंद है इरफान सोलंकी.

Tags: Allahabad high court, Assembly by election



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