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Sky Diving Parachute Safety Tips: लोगों को बहुत से एडवेंचर करने का शौक होता है. इसके लिए कोई इसको स्कूबा डाइविंग करता है. कोई ट्रैकिंग करता है. तो कोई स्काई डाइविंग करता है. भारत में कुछ चनिंदा जगहों पर पर आप स्काई डाइविंग का लुत्फ उठा सकते हैं. स्काईडाइविंग में आप किसी ऊंची जगह किसी हवाई जहाज या फिर पहाड़ से एक हाइट से जंप मारते हैं और उसके बाद अपना पैराशूट खोलते हैं. 

फिर धीरे-धीरे आप जमीन पर आते हैं. समान्य तौर पर 4000 मीटर यानी 1250 फीट की ऊंचाई से स्काईडाइविंग में डाइवर छलांग लगाते हैं. स्काईडाइविंग में अगर सही समय पर आपका पैराशूट न ओपन हुआ तो मुश्किल हो सकती है. अक्सर कई लोगों के मन में यह सवाल आता है कि स्काईडाइविंग के दौरान अगर पैराशूट नहीं खुला तो फिर डाइवर की जान किस तरह बचेगी. तो चलिए आपको बताते हैं. 

रिज़र्व पैराशूट आता है काम

स्काई डाइविंग में जब डाइवर ऊंचाई से कूदता है. तो सबसे स्काईडाइवर के लिए सबसे ज्यादा जरूरी चीज होती है पैराशूट. लेकिन कभी अगर स्काईडाइवर का पैराशूट नहीं खुलता है. तो ऐसी स्थिति में स्काईडाइवर के पास एक रिज़र्व पैराशूट होता है. रिज़र्व पैराशूट को डाइवर मैन्युअल तौर पर खोल सकता है. इस रिज़र्व पैराशूट को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि यह ज्यादा विश्वसनीय हो और जब मैन पैराशूट नहीं खुलता है. तो आपातकालीन स्थिति में इस पैराशूट को खोला जा सकता है. इससे डाइवर की जान को खतरा नहीं होता है.  

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बैकअप सपोर्ट करता है मदद

कई बार देखा जाता है कि जब नए स्काईडाइवर डाइविंग करते हैं.तो उनके साथ एक प्रशिक्षक भी होता है. जो उनके साथ टैंडम जम्प करता है. तो ऐसे स्थिति में प्रशिक्षक इमरजेंसी सिचुएशन को संभाल सकता है. वह पैराशूट को सही समय पर खोल सकता है. 

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कम होता है ऐसा

हालांकि स्काईडाइवर जब स्काईडाइविंग करते हैं. उनके लिए डाइविंग इक्विपमेंट काफी अच्छी क्वालिटी के होते हैं. और उनके फेल होने चांसेज कम होते हैं. लेकिन ऐसा होता है. तो उसके लिए भी तकनीक बनाई गई है. जिससे स्काईडाइवर की जान बचाई जा सकती है. 

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