Son Is Candidate Against MP Father For North West Mumbai Lok Sabha Seat! What Will Father Do Now? – उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट पर सांसद पिता के सामने बेटा उम्मीदवार! अब पिता क्या करेंगे?


उत्तर पश्चिम मुंबई लोकसभा सीट पर सांसद पिता के सामने बेटा उम्मीदवार! अब पिता क्या करेंगे?

गजानन कीर्तिकर ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि बेटे को समझाने का वक्त समाप्त हो गया.

मुंबई के उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर वर्तमान में गजानन कीर्तिकर दो बार से सांसद हैं. कीर्तिकर एकनाथ शिंदे शिवसेना में हैं और वहां से फिर से टिकट चाहते हैं लेकिन बीजेपी इस सीट पर दावा कर रही है इसलिए अब तक इस पर उम्मीदवार की घोषणा नही हो पाई है. हालांकि, कीर्तिकर के सामने एक और बड़ी समस्या है कि उनका अपना बेटा अमोल कीर्तिकर उद्धव बाला साहेब ठाकरे पार्टी में और उद्धव ठाकरे ने उसे इसी सीट से लोकसभा का उम्मीदवार भी बना दिया है. दुविधा में फंसे गजानन अब क्या करेंगे?

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ये क्या शिवसेना की स्थति रहती है?

एनडीटीवी से गजानन कीर्तिकर ने कहा, “बीजेपी के पास उम्मीदवारों की भीड़ लगी है और वो कहते हैं कि हम मजबूत हैं, हमारा सर्वे अच्छा है. जहां मैं दो बार सांसद रह चुका हूं, वहां मेरा वोट बैंक है फिर भी बीजेपी चाहती है कि ये सीट बीजेपी को मिलना चाहिए, ये गलत है. उनका ये तरीका सहयोगी पार्टियों के लिए हानिकारक है. हम 22 सीट पर पिछली बार लडे़ थे, 18 जीत गए. 13 शिंदे के साथ आए, अब 13 से कितने रहेंगे हम देखेंगे. अभी तक संख्या तय नहीं है लेकिन 11-12 सीट देना, ये क्या शिवसेना की स्थति रहती है?”

“उद्धव ने चाल खेला है”

गजानन कीर्तिकर ने कहा, “हमारी भी महाराष्ट्र में वोटबैंक है. बीजेपी अपने सहयोगी दलों को समझती नहीं है. हमें भी मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है, लेकिन मंदिर में जैसे लाइन लगती है दर्शन के लिए, वैसे एक-एक सीट के लिए बीजेपी के पास लाइन लगती है. मेरा बेटा मेरे साथ नहीं आया. वो UBT के साथ रह गया. अब उद्धव ने चाल खेला है. मैंने बेटे से कहा तुझे सांसद बनना है तो UBT छोड़, इधर आ, मैं रिटायर हो जाता हूं और तुझे एकनाथ शिंदे से टिकट दिलाऊंगा और चुनकर लाऊंगा, लेकिन वो मानता नहीं है. अब एक बाप बेटे के खिलाफ लडे़, ये अच्छा नहीं दिखता है, इसलिए एकनाथ शिंदे को बोला है कि किसी और को चुनाव के लिए तैयार करें.”

“अब सब उसकी किस्मत पर”

गजानन कीर्तिकर ने कहा, “मै बेटे के खिलाफ चुनाव नहीं लडूंगा, लेकिन जो भी पार्टी या युति का उम्मीदवार होगा, उसे चुनकर लाना मेरी जिम्मेदारी रहेगी, मैं उसका प्रचार करूंगा. बेटे को समझाने का समय निकल गया.अब सब उसकी किस्मत पर है. अगर सीट बंटवारे में कांग्रेस को जाती है और संजय निरुपम सामने आता है तो मैं लडूंगा उसके खिलाफ, क्योंकि तब अमोल को टिकट नहीं मिलेगा.”



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