Soul Of Steel Himalayan Challenge Closing Ceremony, Programs Based On Combat Skills Mesmerized – ‘सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज’ का समापन, युद्ध कौशल पर आधारित कार्यक्रमों ने किया मंत्रमुग्‍ध 


‘सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज’ का समापन, युद्ध कौशल पर आधारित कार्यक्रमों ने किया मंत्रमुग्‍ध 

कार्यक्रम के दौरान सेना द्वारा युद्ध कौशल आधारित कार्यक्रम पेश किए गए.

नई दिल्‍ली :

उत्तराखंड के घमशाली में ‘सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज’ का समापन हुआ. इस मौके पर आयोजित समारोह में मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, जीओसी उत्तर भारत क्षेत्र के लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी, सेना के अन्‍य अधिकारियों और स‍ैनिकों, आईटीबीपी, एनडीआरएफ के जवानों, स्कूली बच्चों और स्थानीय ग्रामवासियों ने भाग लिया. इस दौरान सेना द्वारा युद्ध कौशल आधारित रॉक क्लाइम्बिंग, मिक्स्ड मार्शल आर्ट, कलारीपयट्टू जैसे सामरिक कार्यक्रम पेश किए गए. साथ ही स्थानीय ग्रामवासियों ने क्षेत्रीय लोक नृत्यों और लोक गीतों के जरिए सभी को मंत्रमुग्‍ध कर दिया. 

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कार्यक्रम के दौरान विजेता टीमों को पदक और ट्रॉफी प्रदान की गई. कार्यक्रम के बाद ह्यूमन एबिलिटी बायोम का उद्घाटन किया गया, जो भूमि, वायु और जल के क्षेत्र में साहसिक गतिविधियों, जीवन कौशल प्रशिक्षण, पर्यावरण संरक्षण, वानिकी के क्षेत्र में एक आधार के तरह कार्य करेगा. 

कॉन्कर लैंड एयर वाटर (CLAW) ग्लोबल के सहयोग से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना द्वारा समर्थित सोल ऑफ स्टील अभियान को 14 जनवरी 2023 को देहरादून में लॉन्च किया था. 

‘सोल ऑफ़ स्टील हिमालयन चैलेंज’ अपनी तरह का पहला अनूठा अभियान है जिसे गढ़वाल हिमालयी सीमावर्ती क्षेत्रों के इलाके में आयोजित किया गया. इसका उद्देश्य केंद्र की ‘वाइब्रेंट विलेज’ योजना के तहत सीमावर्ती गांवों से पलायन को रोककर यहां की पर्यटन क्षमता को बढ़ाना और लोगों के लिए आय का सृजन करना है. सोल ऑफ स्टील अभियान उच्च इलाकों में पर्वतारोहण, अत्यधिक ठंड में सरवाईव करने के साथ ही मानसिक और शारीरिक कुशलता का अद्वितीय मिश्रण है. 

इस अभियान ने 1401 (94 महिलाओं सहित) साहसिक खेलों के प्रति उत्साही कुशल एथलीटों, सशस्त्र बलों के उम्मीदवारों को इससे जुड़ने के लिए आकर्षित किया. इनमें से केवल 23 (दो महिलाओं सहित) को भारतीय सशस्त्र बलों और CLAW ग्लोबल के विशेषज्ञों की संयुक्त टीम के द्वारा 10 सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया, जिसमें बचाव कौशल, पर्वतारोहण और अत्यधिक ठंड में स्वयं को बचाये रखने का प्रशिक्षण दिया गया था. 

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