south korea plane crash know What happens to debris after a plane crashes


दक्षिण कोरिया के मुआन शहर में बड़ा विमान हादसा हुआ. इस हादसे में 179 लोगों की मौत हो गई. दक्षिण कोरिया में यह अबतक का सबसे वीभत्स विमान हादसा है. इससे पहले अजरबैजान एयरलाइंस का विमान कजाकिस्तान के अक्तौ शहर में क्रैश हुआ था, जिसमें 38 लोग मारे गए थे. इन विमान हादसों के बाद सवाल उठता है कि क्रैश होने वाले विमान के मलबे का क्या किया जाता है? क्या मलबे को घटनास्थल पर ही छोड़ दिया जाता है? चलिए जानते हैं… 

आपने हवाई जहाज में लगाए जाने वाले ब्लैक बॉक्स के बारे में तो सुना ही होगा. हादसे के बाद सेना या सरकार सबसे पहले ब्लैक बॉक्स को खोजती है. दरअसल, ब्लैक बॉक्स वह उपकरण है जो हादसे के दौरान विमान से जुड़ी कई जानकारियों को रिकॉर्ड करता है. इसलिए किसी भी विमान के क्रैश होने के बाद उसका मलबा हादसे की वजह जानने के लिए सबसे जरूरी होता है. इसलिए सरकारें विमान का मलबा खोजने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देती हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में मलेशिया एयरलाइंस के एक विमान के मलबे को 10 साल बाद खोजने के लिए 70 मिलियन डॉलर के प्रस्ताव पर सहमति जाहिर की गई है. 

प्लेन क्रैश के बाद सबसे पहले क्या किया जाता है

किसी भी प्लेन के क्रैश होने के बाद सबसे पहले इमरजेंसी सर्विसेज को एक्टिव कर दिया जाता है. इसके बाद जहां प्लेन क्रैश हुआ है, उस एरिया को पूरी तरह सील कर दिया जाता है, जिससे क्रैश को सबूतों से छेड़छाड़ न की जा सके. इस दौरान आम लोगों यहां तक कि मीडिया को भी घटनास्थल तक जाने से रोक दिया जाता है. एजेंसी मलबे का निरीक्षण करती हैं और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जैसे डिवाइस की खोज करती हैं, जिससे हादसे की वजह सामने आ सकें. 

जांच के बाद मलबे का क्या किया जाता है

हादसे से संबंधित सभी जांचे पूरी होने के बाद भी उसके मलबे को यूं ही नहीं छोड़ दिया जाता है. संबंधित एजेंसीविमान दुर्घटना के बाद उसके मलबे में से काम में आने वाले पुर्जों को अलग कर लेती है. लैब में उनकी टेस्टिंग होती है, जिससे उन्हें दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके. हालांकि, जो स्क्रैप बचता है उसे नीलाम कर दिया जाता है. 

यह भी पढ़ें: प्लेन क्रैश होने पर मुआवजा कौन देता है, कंपनी या सरकार? जान लीजिए कानून से जुड़ी ये बात



Source link

x