स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी गिरफ्तार,(Standup Comedian munawar faruqui) गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ की थी टिप्पणी
Standup Comedian munawar faruqui: भाजपा विधायक के बेटे का आरोप है कि शहर में आयोजित एक हास्य कार्यक्रम (कॉमेडी शो) में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गईं।
भारतीय जनता पार्टी की एक विधायक के बेटे की शिकायत पर मध्य प्रदेश में एक स्टैंड अप कॉमेडियन और चार अन्य लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। विधायक के बेटे का आरोप है कि इंदौर शहर में आयोजित एक हास्य कार्यक्रम (कॉमेडी शो) में हिंदू देवी-देवताओं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणियां की गईं।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के 56 दुकान क्षेत्र के एक कैफे में शुक्रवार को आयोजित कॉमेडी शो में भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ (36) अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक पहुंचे थे और उन्होंने शो में की गईं कुछ टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवा दिया। तुकोगंज पुलिस थाने के प्रभारी कमलेश शर्मा ने शनिवार को बताया कि वीडियो फुटेज के साथ एकलव्य की लिखित शिकायत पर गुजरात के जूनागढ़ के रहने वाले स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और चार स्थानीय लोगों के खिलाफ शुक्रवार देर रात मामला दर्ज किया गया।
उन्होंने कहा, ‘कॉमेडी शो में इस तरह की तमाम आपत्तिजनक बातें चल रही थीं। हमने इनका वीडियो बनाया और शो रुकवाकर श्रोताओं को कैफे से बाहर निकाला। फिर हम शो के कॉमेडियनों और आयोजकों को पकड़कर तुकोगंज पुलिस थाने ले गए।’ भाजपा विधायक के 36 वर्षीय बेटे ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण के वक्त प्रशासन की अनुमति के बिना आयोजित इस कार्यक्रम में सामाजिक दूरी बनाने की हिदायत का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जा रहा था और आयोजकों ने कैफे के छोटे-से हॉल में कम से कम 100 दर्शक बैठा रखे थे।
एकलव्य ‘हिंद रक्षक’ नामक स्थानीय संगठन के संयोजक हैं। मीडिया की कुछ खबरों में कहा गया है कि कैफे में हंगामे के दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने हास्य कलाकार की पिटाई भी की, लेकिन एकलव्य ने इस आरोप से इनकार किया है। पुलिस के मुताबिक मामले के चार अन्य गिरफ्तार आरोपियों में एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव शामिल हैं जो स्थानीय निवासी हैं।
यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का खतरा हो) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया है।