Stock Market Expected To Remain Bullish In May With Strengthening Economy: Analyst – अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ मई में शेयर बाजार में तेजी बने रहने की उम्मीद: विश्लेषक
हालांकि, फरवरी के बाद से बाजार में तेजी का सिलसिला बना हुआ है. इस दौरान बीएसई मानक सूचकांक सेंसेक्स 1.04 प्रतिशत चढ़ा जबकि मार्च में इसमें 1.58 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई. अप्रैल में, सूचकांक 1.12 प्रतिशत चढ़ा.
मास्टर कैपिटल सर्विस लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, बाजार में तेजी का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है. इसका एक प्रमुख कारण घरेलू संस्थागत निवेश्कों के साथ व्यक्तिगत निवेशकों दोनों की मजबूत भागीदारी है.”
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में अगर शेष कंपनियों के वित्तीय परिणाम सकारात्मक रहते हैं तो बाजार में तेजी की भावना बने रहने की उम्मीद है.” नंदा ने कहा, ‘‘अगर पश्चिम एशिया में तनाव कम होता है, कंपनियों के वित्तीय परिणाम अच्छे रहते हैं और चीनी अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखती है तो बाजार धारणा मजबूत बने रहने की संभावना है.
उन्होंने कहा, ‘‘बाजार विभिन्न कारणों से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. सबसे पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ सकारात्मक बाजार भावना ने निवेशकों के भरोसे को बढ़ाया है.”
बीएसई सेंसेक्स इस साल नौ अप्रैल को कारोबार के दौरान 75,124.28 अंक के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. सूचकांक ने उसी दिन पहली बार ऐतिहासिक 75,000 अंक के स्तर को पार किया. सेंसेक्स 10 अप्रैल को पहली बार 75,000 अंक के ऊपर बंद हुआ. बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आठ अप्रैल को पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया.
वर्तमान में, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,06,55,851.94 करोड़ रुपये (4,900 अरब डॉलर) है. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत से उच्च मूल्यांकन को लेकर चिंताओं के बावजूद मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी है. इसका कारण संभवतः पर्याप्त घरेलू नकदी और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण का सकारात्मक होना है.”
उन्होंने कहा, ‘‘छोटी कंपनियों का यह बेहतर प्रदर्शन वैश्विक स्तर पर पिछले बड़े बाजारों में देखे गए रुझान को बताता है. इससे पता चलता है कि भारतीय बाजार भी संभवत: विकास के उसी चरण में है.”
यह पूछे जाने पर कि क्या इस वर्ष मई में बेचें और दूर चले जाएं की रणनीति लागू होगी, हेज फंड हेडोनोवा में सीआईओ (मुख्य निवेश अधिकारी) सुमन बनर्जी ने कहा, ‘‘ऐतिहासिक आंकड़ों पर विचार करते हुए, यह स्पष्ट है कि पारंपरिक रूप से ‘मई में बेचें और दूर चले जाएं’ की रणनीति बाजार की मौजूदा स्थिति और खासकर आम चुनावों को देखते हुए सच नहीं हो सकती है.”
रणनीति के अनुसार एक निवेशक मई में अपने शेयर बेचता है और आमतौर पर अस्थिर माने जाने वाले मई से अक्टूबर के दौरान निवेश से बचता है. फिर नवंबर में इक्विटी शेयर बाजार में वापस आ जाता है. न्याति ने कहा कि अब ‘मई में बेचें और बाजार से दूर रहें’ कहावत पुरानी हो चुकी है. आंकड़े इसकी पुष्टि नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि ब्याज दर में कटौती में देरी और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने के बावजूद बाजार में तेजी बनी रहेगी. हमारी मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम स्थिति को संतुलित बना रहे हैं. इसके अलावा, वर्तमान सरकार के मौजूदा चुनाव में फिर से सत्ता में लौटाने की संभावना भी बाजार में गति बनाये हुए हैं.”