Stock Market Open For Trading On Saturday 18 May 2024 BSE NSE Conduct Special Live Trading Session On Disaster Recovery Site Know All Details – अगले सप्ताह शनिवार के दिन भी खुला रहेगा शेयर बाजार, NSE- BSE पर स्पेशल ट्रेडिंग सेशन, जानें डिटेल्स
नई दिल्ली:
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Stock Market Trading)करने वाले निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. आमतौर पर शेयर बाजार में शुक्रवार हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन होता है.शेयर बाजार में सोमवार से शुक्रवार तक ट्रेडिंग होती है. वहीं, वीकेंड के मौके पर शेयर बाजार की छुट्टियां (Stock Market Holidays 2024) रहती हैं, यानी शनिवार और रविवार को शेयर मार्केट बंद रहता है. लेकिन अगले सप्ताह शनिवार यानी 18 मई को भी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग (Saturday Trading Session) के लिए खुला रहने वाला है.
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दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने मंगलवार को कहा कि वह शेयर और इक्विटी फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सेगमेंट में 18 मई यानी शनिवार को स्पेशल ट्रेडिंग सेशन (Special Live Trading Sessions) का आयोजन करेंगे. इस पहल का मकसद किसी प्रकार की बड़ी बाधा या विफलता की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारियों का आकलन करना है.
‘लाइव’ ट्रेडिंग सेशन में ‘डिजास्टर रिकवरी’ साइट का उपयोग
हालंकि,स्पेशल ‘लाइव’ ट्रेडिंग सेशन के दौरान प्राइमरी साइट (पीआर) की जगह ‘डिजास्टर रिकवरी’ (डीआर) साइट का उपयोग किया जाएगा.किसी आपात स्थिति के दौरान प्राइमरी ‘डेटा सेंटर’ के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रचर और ऑपरेशन को बहाल करने के लिए ‘डिजास्टर रिकवरी साइट’ (Disaster Recovery Site) का उपयोग किया जाता है.
ये है स्पेशल ट्रेडिंग सेशन की टाइमिंग
इसको लेकर दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने अलग-अलग सर्कुलर में कहा कि 18 मई दो स्पेशल ट्रेडिंग सेशन होंगे.जिसमें पहला सत्र प्राइमरी साइट (पीआर) से सुबह 9:15 बजे से 10 बजे तक और दूसरा डीआर साइट से सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक होगा.
बता दें कि इससे पहले, एनएसई और बीएसई ने दो मार्च को भी इसी तरह के ट्रेडिंग सेशन आयोजित किये थे. ये सेशन मार्केट रेगुलेटर सेबी और उनकी तकनीकी सलाहकार समिति के साथ चर्चाओं के आधार पर आयोजित किये जा रहे हैं. इसका उद्देश्य शेयर बाजार से जुड़े इंफ्रास्टचर की तैयारियों का आकलन करना और ऑपरेशन परिचालन को प्रभावित करने वाली किसी भी अप्रत्याशित घटना को संभालना है, जिससे निर्धारित समय के भीतर ‘डिजास्टर रिकवरी’ साइट के जरिये ऑपरेशन बहाल किया जा सके.
आमतौर पर, प्राइमरी साइट पर किसी बड़ी समस्या या विफलता की स्थिति में कारोबार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ‘डीआर साइट’ का उपयोग किया जाता है.