Student credit card money will be received after completing this process, know the complete process. – News18 हिंदी


नीरज कुमार/बेगूसराय. बिहार में गरीब परिवार के बच्चों के लिए सरकार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना वरदान मानी जाती है. इस योजना का संचालन होने के बाद से पैसों की कमी की वजह से पढ़ाई में अच्छे रहने वाले छात्र अच्छी शिक्षा पा रहे हैं. लेकिन इस योजना का लाभ पाना इतना आसान नहीं होता है. छात्रों को इस योजना का लाभ लेने के लिए कई महीनों तक डीआरसीसी ऑफिस से लेकर कॉलेज तक का चक्कर लगाना पड़ता है. इसकी वजह छात्रों में योजना को लेकर जानकारी का अभाव सामने आ रहा है. विभागीय जानकारी के मुताबिक इस योजना का लाभ 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को दिया जाता है. इसके लिए ब्याज का रेट भी बहुत कम है. इस योजना के तहत सिर्फ 1 फीसदी ब्याज का ही भुगतान करना होगा.

बेगूसराय डीआरसीएस में वित्तीय काम देख रहे अजय कुमार, छात्रों के पेमेंट के भुगतान प्रक्रिया पर काम करते हैं. इन्होंने लोकल 18 से बताया कि छात्र 7nishchay-yuvaupmission.bihar.gov.in की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से फॉर्म डाउनलोड कर उसमें मांगी गई सभी जानकारियों को भरना होगा. इसके बाद डीआरसीसी पहुंच कर फॉर्म को जमा करना होगा. फॉर्म जमा करने के बाद दस्तावेजों की जानकारी की वित्त विभाग के द्वारा जांच की जाएगी. फॉर्म सही होने के बाद लोन पास कर दिया जाएगा.

फेल छात्रों का रुक जाता है लोन का रुपए
अजय कुमार ने बताया कि आगे की प्रक्रिया के तहत छात्रों से 100 रुपए के स्टांप पेपर पर एकरनामा बनवाया जाता है. इसके बाद पहली किस्त की सहायता राशि 30 दिनों के अंदर कॉलेज के खाते में चली जाती है. इसी तरह का एकरनामा एक सेमेस्टर या फिर एक साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद फिर बनवाया जाता है. यह प्रक्रिया हर साल चलते रहती है.

उन्होंने बताया कि पहला साल पूरा होने पर पास होने का मार्कशीट और प्रमोशन लेटर 7nishchay-yuvaupmission.bihar.gov.in वेबसाइट पर अपलोड करना होता है. फिर जाकर किस्त की अगली राशि कॉलेज को भेज दी जाती है. छात्र अगर फेल कर गए, तो आगे की पढ़ाई की सहायता रुक जाती है. छात्रों को यह प्रक्रिया हर साल करनी होती है. ज्ञात हो कि आवेदकों की उम्र 18 से 25 साल तक होनी चाहिए.

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